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जनता को बताओ, कहां खर्च हुआ पैसाः अंसारी

७ जून २०१०

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा है कि देश की जनता यह जानने का हक है कि टैक्स के रुप में जमा हुआ पैसा सरकार कहां खर्च कर रही है. अगर खर्च हुए पैसे का हिसाब नहीं दिया जाता तो यह सरकार की कमी है.

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विदेश दौरे पर अंसारीतस्वीर: AP

दो देशों के दौरे पर गए उपराष्ट्रपति ने सरकारी पैसे के इस्तेमाल की जवाबदेही तय करने से जुड़े सवाल के जवाब में यह बात कही. हामिद अंसारी ने कहा कि देश के नागरिकों को यह जानने का हक है कि सरकारी पैसा सही तरीके से खर्च हो रहा है या नहीं. लोगों को यह भी बताया जाना चाहिए कि बहुसंख्यक जनता की इच्छा के मुताबिक ही पैसा खर्च किया जा रहा है. अंसारी ने कहा कि संविधान बनने के बाद से अब तक के समय में बहुत फर्क आ चुका है और पैसा खर्च करने के तरीके में भी बड़ा बदलाव आया है.

उपराष्ट्रपति ऐसा नहीं मानते कि कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानी सीएजी जैसे पद बिना दांत के बाघ भर हैं. उनका कहना है कि सीएजी का गठन संविधान के जरिए हुआ और उसकी जरूरत बनी हुई है. अंसारी ने कहा, "पब्लिक अकाउंट कमेटी एक ताकतवर संगठन है. सीएजी की रिपोर्ट पर पीएसी विचार करती है. इसलिए यह नहीं कहा जाना चाहिए कि सीएजी की रिपोर्ट का महत्व नहीं है. हर काम की एक प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाना चाहिए."

तो फिर क्यों ना सभी सरकारी खर्चों को सीएजी की निगरानी के दायरे में ला दिया जाए; इस सवाल पर उपराष्ट्रपति ने कहा, "हाल ही में अपने शिमला दौरे के समय मैंने इसका जवाब दे दिया था. मेरा मानना है कि सभी तरह के सरकारी खर्चों पर सीएजी की निगरानी होनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता तो यह सरकार की कमजोरी है. हालांकि इस पर फैसला सरकार को करना है और संसद को इस पर विचार करना चाहिए."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार