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समाज

जब अमेरिकी पुलिस ने नर्स को काम के दौरान पकड़ा

२ सितम्बर २०१७

अमेरिकी प्रांत ऊटा में एक नर्स द्वारा बेहोश मरीज के खून का नमूना देने से इंकार किये जाने पर अमेरिकी पुलिस ने ऐसे किया नर्स को गिरफ्तार. इस वीडियो फुटेज के सामने आने के बाद पुलिस ने विभागीय जांच शुरू की है.

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USA Salt Lake City Videostill Festnahme Krankenschwester
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Salt Lake City Police Department

US nurse: 'Stop, I've done nothing wrong'

एक सड़क हादसे की जांच के लिए यूनिवर्सिटी अस्पताल पहुंचे पुलिस अधिकारियों के बॉडी कैम और अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों से ली गयी तस्वीरों में नर्स अलेक्स वुबेल्स को मदद के लिए चिल्लाते देखा जा रहा है जबकि पुलिसकर्मी उन्हें जबरदस्ती पकड़कर दूसरे कमरे में ले जाता और हथकड़ियां पहनाता दिख रहा है.

नर्स को पुलिस जांच में बाधा डालने के आरोप में जबरदस्ती गिरफ्तार किया गया और 20 मिनट तक पुलिस कार में हिरासत में रखा गया. अस्पताल की प्रवक्ता सुजैन विनचेस्टर के अनुसार अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद नर्स को छोड़ा गया. विनचेस्टर ने कहा कि अस्पताल पुलिस को मरीजों के खून के नमूने तभी दे सकता है जब मरीज ने रजामंदी दी हो, गिरफ्तार हो या उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट हो. इस मामले में ऐसा कुछ नहीं था. प्रवक्ता ने कहा कि नर्स वुबेल्स ने नियमों का पालन किया था.

यह घटना 26 जुलाई की है, लेकिन इसका पता गुरुवार को तब चला जब वुबेल्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी गिरफ्तारी के वीडियो जारी किये. वीडियो में वह यह कहती हुई सुनाई पड़ रही है कि "स्टॉप, स्टॉप, मैंने कुछ गलत नहीं किया है. प्लीज सर, आप मुझे चोट पहुंचा रहे हैं." वुबेल्स ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें उनके साथ हुए बर्ताव पर गुस्सा आ रहा था, जबकि वे सिर्फ अपने मरीज की सुरक्षा कर रही थीं.

बाद में वुबेल्स ने एक बयान जारी कर कहा कि सिटी पुलिस प्रमुख और मेयर ने उनसे निजी तौर पर माफी मांगी है. "मैंने उनका माफीनामा कबूल कर लिया है." ऊटा पुलिस ने कहा है कि संबंधित पुलिस अधिकारी सहित दो पुलिसकर्मियों को जांच के दौरान प्रशासनिक छुट्टी पर भेज दिया गया है.

डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी सिम गिल एक बयान जारी कर मामले की आपराधिक जांच की मांग की है. गिल ने फेसबुक पर लिखा है, "एक के खिलाफ अन्याय सबों के खिलाफ अन्याय है. हर कोई निष्पक्ष कार्रवाई का हकदार है और संस्थागत जवादेही हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है."

एमजे/एके (एएफपी)