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जर्मनी और स्पेन में सेमीफाइनल भिड़ंत

अनवर जे अशरफ (संपादनः वी कुमार)७ जुलाई २०१०

फुटबॉल की दो महाशक्तियों की आज दक्षिण अफ्रीका में टक्कर होने वाली है. एक तरफ छह बार फाइनल तक पहुंच चुकी जर्मनी है, तो दूसरी बार पहला फाइनल खेलने के लिए उतावली यूरोपीय चैंपियन स्पेन. खिताब यूरोपीय देश के नाम पक्का है.

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जंग को तैयार जर्मन टीमतस्वीर: picture alliance / dpa

मैच दर मैच बेहतर होती दो टीमें आज आमने सामने होंगी. एक ओर पहले राउंड में सर्बिया से पराजित हो चुकी योआखिम लोएव की जर्मनी है, तो दूसरी ओर कोच विन्सेंट डेल बॉस्क गोनजालेज की अगुआई वाली स्पेनी टीम. फुटबॉल के बड़े पंडित भी इस मैच की भविष्यवाणी करने में संकोच कर रहे हैं.

तीन बार फुटबॉल वर्ल्ड कप जीत चुकी जर्मनी भले ही आंकड़ों के मामले में इक्कीस पड़ती हो लेकिन मौजूदा दौर के फुटबॉल में स्पेन उससे कहीं बेहतर टीम मानी जाती है. फीफा रैंकिंग में स्पेन दूसरे और जर्मनी छठे नंबर पर है और दो साल पहले यूरो कप 2008 में स्पेन ने जर्मनी को फाइनल में हरा कर खिताब पर कब्जा किया था.

जहां तक रणनीति का सवाल है, दोनों ही देश शुद्ध यूरोपीय शैली में खेलते हैं और दोनों ही टीमों के पास दिग्गज और मंझे हुए स्ट्राइकर हैं. और दोनों ही टीमों ने अब तक सिर्फ दो दो गोल खाए हैं. यानी अंतर कर पाना बहुत मुश्किल है. स्पेन में एक ओर फर्नान्डो टोरेस और डेविड विला का जादू चल रहा है तो दूसरी तरफ जर्मनी के मीरोस्लाव क्लोजे वर्ल्ड कप के सभी रिकॉर्ड तोड़ देने पर आमादा हैं.

Klose WM 2010 Argentinien gegen Deutschland
मीरोस्लाव क्लोजा वर्ल्ड कप के सभी रिकॉर्ड तोड़ देने पर आमादा हैंतस्वीर: AP

जर्मनी की टीम जब कप्तान माइकल बलाक के बगैर दक्षिण अफ्रीका पहुंची थी, तो लोगों को बहुत उम्मीद नहीं थी. अब तक की सबसे युवा टीम ने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया को भारी भरकम तरीके से हराया लेकिन दूसरे मैच में सर्बिया से मात खा बैठी. पर इसके बाद टीम ऐसी लय में आई कि कहीं रुकती नहीं दिख रही है. रास्ते में इंग्लैंड और अर्जेंटीना जैसी बड़ी टीमें भी आईं लेकिन दोनों के ही खिलाफ जर्मनी ने चार चार गोल कर अपना लोहा मनवा दिया.

जर्मनी के लिए एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलने वाले लोएव की जिद और रणनीति दोनों काम करती दिख रही हैं. उन्होंने टीम सेलेक्शन के वक्त कुछ बड़े खिलाड़ियों को बाहर कर दिया था, जिसकी वजह से उनकी खूब आलोचना हुई, लेकिन वर्ल्ड कप के नतीजों के बाद वह टीम के किसी भी खिलाड़ी से बड़े स्टार बन कर उभरे हैं. किसी मशीन की तरह खेलने वाली जर्मन टीम का इंजन ट्यून होने के बाद इसमें रफ्तार पकड़ते वक्त नहीं लगता है.

क्लोजे और पोडोल्स्की के साथ साथ म्यूलर का करिश्मा भी इस बार खूब चल निकला है. क्लोजे वर्ल्ड कप में चार गोल कर चुके हैं और 32 साल के उम्र में सबसे हॉट खिलाड़ी बने हुए हैं. अब तक कुल 14 गोल कर चुके क्लोजे अगर दो गोल और करने में कामयाब रहते हैं, तो वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन जाएंगे. अभी यह रिकॉर्ड 15 गोलों के साथ ब्राजील के रोनाल्डो के नाम है.

टीम की रक्षा पंक्ति सधी हुई है और हाफलाइन के इस तरफ गेंद ज्यादा आती नहीं दिखती है. पहले रॉबर्ट एंके की दुखद मौत और फिर एडलर के चोटिल होने के बाद गोल बचाने के जिम्मा नोयर के हाथों में है और उनके दस्ताने मानो इस्पात के बने दिख रहे हैं. अब तक उन्होंने सिर्फ दो बार गेंद को जाल में जाने दिया है.

हालांकि आखिरी मौके पर टीम में एक विवाद भी जुड़ गया है. छोटे कद के कप्तान फिलिप लाम ने उम्मीद जताई है कि वर्ल्ड कप के बाद भी वह कप्तान बने रहेंगे, जिस पर उनकी आलोचना हो रही है. दरअसल नियमित कप्तान माइकल बलाक के घायल होने की वजह से कप्तानी का जिम्मा लाम को सौंपा गया लेकिन अब वह इसे छोड़ना नहीं चाहते और कहते हैं कि दबाव में वह बेहतर खेल रहे हैं.

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डेविड विला का जादू जारी हैतस्वीर: AP

दूसरी तरफ स्पेन ने शुरुआत स्विट्जरलैंड के हाथों हार से की थी. लेकिन इसके बाद उनका विजयी रथ चल पड़ा और डेविड विला नाम का तूफान भी. मैच दर मैच गोल करते स्पेन ने प्री क्वार्टर फाइनल में पुर्तगाल का कांटा साफ किया और बाद में पराग्वे की टीम को पराजित कर आखिरी चार में जगह बना ली. स्पेन अब से पहले सिर्फ एक बार सेमीफाइनल में पहुंचा था, जब 1950 में उसने चौथा स्थान हासिल किया था.

स्पेन के खिलाड़ी उस तेजी पर यकीन करते हैं, जिसकी बदौलत हाल के सालों में उन्होंने लगातार जीत हासिल की है. दो साल पहले यूरो कप जीतने के बाद से स्पेन की टीम एक धाकड़ फुटबॉल टीम बताई जाने लगी है और उसने नतीजे भी वैसे ही दिए हैं. डेविड विला पांच गोल करके गोल्डन बूट के दावेदारों में शामिल हो गए हैं. और देखना है कि सेमीफाइनल में उनका करिश्मा चलता है या नहीं.

जहां तक थोड़ा बहुत अंधविश्वास करने वालों की बात है, जर्मनी के करामाती ऑक्टोपस पॉल ने स्पेन के जीतने की भविष्यवाणी की है, जबकि जर्मनी के कोच योआखिम लोएव अपनी फेवरिट नीली स्वेटर के साथ ग्राउंड पर पहुंचने वाले हैं.