जर्मनी का 'नरभक्षी' पुलिस अफसर
२९ नवम्बर २०१३आरोपी पुलिस अधिकारी और मारे गए शख्स की जान पहचान नरभक्षी और जादू टोने में विश्वास रखने वाली एक वेबसाइट पर हुई. 55 साल के पुलिसवाले ने इसके बाद अपने 'शिकार' का गला रेत दिया. उसने इस बात को कबूल कर लिया है. अपने कबूलनामे में आरोपी अधिकारी ने बताया कि हत्या के बाद उसने शव के छोटे छोटे टुकड़े किए और अपने ही बगीचे में गाड़ दिया.
लेकिन इस बात के अब तक सबूत नहीं मिले हैं कि आरोपी ने उस शख्स को मार कर खाया या नहीं. मीडिया की रिपोर्टों में आरोपी की पहचान जर्मनी के पूर्वी राज्य सैक्सनी के डेतलेव जी के रूप में की है. यूरोप के ज्यादातर देशों में इस तरह के अपराध के आरोपियों का उपनाम सार्वजनिक नहीं किया जाता है. ड्रेसडेन पुलिस प्रमुख डीटर क्रॉल ने पत्रकारों को बताया कि 59 वर्षीय मृतक हैनोवर का रहने वाला था और वो ''जवानी से ही अपनी हत्या और खाये जाने'' की कल्पना करता था.
पेशे से व्यापार सलाहकार हैनोवर का यह शख्स जब लापता हो गया तो पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की. कई हफ्तों बाद इलेक्ट्रॉनिक संचार की मदद से पुलिस आरोपी तक पहुंच पाई. मृतक और आरोपी की मुलाकात चार नवंबर को हुई थी. ड्रेसडेन के आपराधिक जांच केंद्र के प्रमुख माइक मैंदा के मुताबिक, "वारदात के पहले तक दोनों एक दूसरे को निजी तौर पर नहीं जानते थे.'' मैंदा कहते हैं, "हत्या की तारीख तय करने के लिए दोनों के बीच एसएमएस, ईमेल और टेलीफोन के जरिए बातचीत होती रही."
शव के कई टुकड़े
दोनों की मुलाकात ड्रेसडेन रेलवे स्टेशन पर हुई, जिसके बाद हैनोवर के शख्स को आरोपी अपनी गाड़ी में बिठा कर घर लाया. मैंदा के मुताबिक, "समझौते के मुताबिक हत्या तुरंत होनी थी.'' आरोपी ने जान लेने के लिए गले पर चाकू चलाया जिसके बाद उसकी मौत हो गई. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि घटना को अंजाम देने के बाद उसने लाश के छोटे छोटे कई टुकड़े किए. इसके बाद आरोपी ने उसे अपने ही घर के बगीचे में गाड़ दिया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी जांच में मदद कर रहा है और उसने शव के टुकड़ों तक पहुंचने में मदद भी की है. साल 2001 में जर्मनी के अरमिन माएविस ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उस वक्त खूब सुर्खियां बटोरी थी, जब उसने अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद उसका मांस खाने की बात कबूली. माएविस और उसकी प्रेमिका की मुलाकात इंटरनेट पर हुई थी. माएविस ने इंटरनेट पर ''बलि के लिए इंसान की तलाश.'' का विज्ञापन दिया था. माएविस को पहले हत्या के लिए 2004 में दोषी मानते हुए साढ़े आठ साल की सजा सुनाई गई. लेकिन बाद में इस मामले की दोबारा सुनवाई हुई और उसे उम्र कैद की सजा मिली.
एए/एजेए (रॉयटर्स, एएफपी)