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जर्मनी के पूर्व मंत्री ने की छेड़खानी

२८ जनवरी २०१३

हाल ही में जर्मनी के पूर्व अर्थशास्त्र मंत्री ने औपचारिक पार्टी के दौरान एक महिला पत्रकार पर टिप्पणी कर दी. इसी पर ट्वीट का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ है कि हर जर्मन महिला अपनी अपनी कहानी बयान करने लगी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

शुरुआत 24 दिसंबर 2012 की रात हुई. दो महिलाएं टीवी पर एक नेता की हरकत को देख कर गुस्से में आईं और उन्होंने ट्विटर पर अभियान छेड़ दिया. यह नेता हैं फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी के राइनर ब्रूडेरले. 67 साल के ब्रूडेरले पार्टी में एक पत्रकार की प्रशंसा करने चले थे. उन्होंने नहीं सोचा कि उन्होंने जो टिप्पणी कर दी उस पर पूरे देश में चर्चा शुरू हो जाएगी. ब्रूडरले पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं.

उन्होंने 29 साल की पत्रकार की छातियों की ओर देख कर कहा, "आप तो डिर्नडल पोशाक को भी भर देंगी." डिर्नडल जर्मन राज्य बवेरिया का पारंपरिक लिबास है जिसे बीयर महोत्सव के लिए मशहूर अक्टूबर फेस्ट के दौरान पहना जाता है और जिसका गला बहुत नीचे तक होता है.

इसी पर दो महिलाओं ने ट्वीट किया और सभी महिलाओं से अपने अनुभव बांटने को कहा. दो ही दिन बाद ट्वीट की जैसे बाढ़ आ गई. इसकी शुरुआत करने वाली निकोल फॉन होर्स्ट ने डॉयचे वेले से बातचीत में कहा, "मैंने ऐसी प्रतिक्रया की जरा भी उम्मीद नहीं की थी. मैं तो इन सब को अब तक पढ़ भी नहीं पाई हूं, जवाब देना तो दूर की बात है." ये ट्वीट #aufschrei के नाम से किए जा रहे हैं, जिसका मतलब है कड़ा विरोध.

Rainer Brüderle FDP Sexismus Debatte küsst Silvana Koch-Mehrin FDP
राइनर ब्रूडरले एक महिला के साथतस्वीर: dapd

इन ट्वीट में महिलाओं ने बताया कि रोजमर्रा की जिंदगी में उन्हें पुरुषों की किस तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है. स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों से ले कर दफ्तर में काम करने वाली और घर संभालने वाली महिलाएं भी शामिल हैं. किसी ने लिखा कि ट्रेन पकड़ते समय उन्हें लड़कों की फब्तियां सुननी पड़ती हैं, तो किसी ने लिखा कि स्वीमिंग कोच उन्हें बुरी नजर से देखता है. कइयों ने दफ्तर में साथ काम करने वालों की बदतमीजी की बात कही तो कुछ अन्य ने परिवार में दुर्व्यवहार के मामले उजागर किए.

एक लड़की ने लिखा, "मैंने खुदकुशी की कोशिश की थी और मैं अस्पताल में पड़ी थी. तब एक डॉक्टर ने मेरे कूल्हे को छूने की कोशिश की".

पर ट्वीट करने वाली सब महिलाएं नहीं हैं, कई पुरुषों ने भी निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, "यह बहुत ही दुखद है. आप लोगों को अपनी आवाज और बुलंद करनी होगी." एक अन्य पुरुष ने लिखा, "केवल आवाज उठाने से कुछ नहीं होगा, आप एक तमाचा लगाइए, अपने अधिकारियों से शिकायत कीजिए या फिर लिखित में दर्ज कराइए." निकोल फॉल होर्स्ट का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि ट्विटर पर छिड़ी बहस के बाद महिलाएं ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं करेंगी बल्कि उन्हें इस से ऐसे पुरुषों के खिलाफ कदम उठाने का साहस मिलेगा, "अच्छा होगा अगर कोई ऐसा मंच तैयार हो सके जहां केवल ऐसे मामले ही दर्ज न हों, बल्कि महिलाओं को यह भी सिखाया जाए कि उन्हें ऐसे में क्या करना चाहिए, उन्हें उनके हकों के बारे में जानकारी दी जाए और जहां वे अपनी सफलता की कहानियां भी सुना सकें"

रिपोर्ट: जिल्के वुंश/आईबी

संपादन: ए जमाल