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जर्मनी ने तुर्की में बंद किया दूतावास, स्कूल

१७ मार्च २०१६

तुर्की में आतंकी हमलों की आशंका के चलते जर्मनी ने अंकारा स्थित दूतावास, इस्तांबुल में कॉन्सुलेट और जर्मन स्कूल को बंद कर दिया है. वहीं कुर्द संगठन टीएके ने रविवार को हुए हमले की जिम्मेदारी ली है.

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तुर्की की राजधानी अंकारा में जर्मनी का दूतावास
अंकारा में जर्मनी का दूतावासतस्वीर: picture-alliance/dpa/B.Wüstneck

तुर्की की राजधानी अंकारा में रविवार को हुए हमले में 37 लोग मारे गए. गुरूवार को कुर्द आतंकी संगठन टीएके ने इसकी जिम्मेदारी ली. तुर्की हमले के ठीक बाद से ही कुर्द संगठनों को इसके पीछे बता रहा था. हमले के एक दिन बाद जर्मन सरकार ने तुर्की में मौजूद अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी कर उन्हें कुछ इलाकों में ना जाने की हिदायत दी. साथ ही अब अंकारा स्थित दूतावास को भी बंद कर दिया गया है और इस्तांबुल में मौजूद जर्मन स्कूल और कॉन्सुलेट को भी.

विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्हें हमलों की योजना की जानकारी मिली है, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है. जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रांक-वाल्टर श्टाइनमायर ने बर्लिन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "कल शाम हमारी सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता और बेहद संजीदा सुराग मिले हैं कि तुर्की में हमारे जर्मन कार्यालयों पर आतंकी हमलों की योजना बन रही है." अंकारा और इस्तांबुल के अलावा विदेश मंत्रालय ने जर्मन नागरिकों से तुर्की के अन्य बड़े शहरों में भी संभल कर रहने को कहा है.

Karte Istanbul mit dem Deutschen Konsulat und der Deutschen Schule Istanbul ENG

"कुर्दिस्तान का बदला"

टीएके ने कहा है कि उसने "कुर्दिस्तान में चल रहे नरसंहार" का बदला लिया है. अपनी वेबसाइट पर टीएके ने चेतावनी देते हुए लिखा है, "तुर्की में रहने वाले यह समझ लें कि जब तक फासीवादी तानाशाही को पूरी तरह खत्म नहीं किया जाता, तब तक वहां रहने वाले लोगों की जिंदगियां सुरक्षित नहीं हैं." टीएके ने यह भी कहा है कि हमले में सुरक्षाबलों और पुलिस को निशाना बनाया गया था क्योंकि वे मासूम लोगों की जिंदगियों को खतरे में डालने के लिए जिम्मेदार हैं. वेबसाइट पर लिखा है, "हमने सिजरे में मारे गए 300 कुर्दों और अन्य घायलों का बदला लिया है. हम उन नागरिकों से माफी मांगना चाहेंगे जिनकी इसमें जान गयी और जिनका फासीवादी सरकार के खिलाफ चल रही जंग से कोई लेना देना नहीं है."

Karte deutsche Botschaft Ankara Englisch

हाल के महीनों में यह दूसरा ऐसा हमला जिसकी जिम्मेदारी टीएके ने ली है. इससे पहले 17 फरवरी को अंकारा में बम धमाका हुआ था जिसमें 30 लोगों की जान गयी थी. दोनों हमले एक ही तरीके से किए गए.

तुर्की और पीकेके की जंग

पिछले तीन दशकों से तुर्की के कुर्द बहुल हिस्से में स्वतंत्र कुर्दिस्तान बनाने के लिए संघर्ष चल रहा है. पीकेके यानि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी तुर्की का प्रतिबंधित संगठन है जो कुर्दों की आजादी की मांग करता है. दो साल तक तुर्की और पीकेके के बीच युद्धविराम रहने के बाद जुलाई 2015 में एक बार फिर तनाव शुरू हुआ. शांतिवार्ता की कोशिशें भी टलती गयीं और दिसंबर में तुर्की सरकार ने पीकेके के खिलाफ सैन्य कार्रवाई तेज कर दी. तब से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और साढ़े तीन लाख लोग घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं.

Infografik Karte Türkei Anschläge seit 2015 ENGLISCH

पिछले साल जुलाई से अब तक तुर्की में पांच बड़े हमले हो चुके हैं जिनमें 200 से अधिक लोगों की जान गयी है. 12 जनवरी को इस्तांबुल में हुए हमले में 12 जर्मन सैलानियों की जान गयी. इस्लामिक स्टेट ने उस हमले की जिम्मेदारी ली थी.

आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)