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जर्मनी में एक और सांस्कृतिक धरोहर

२३ जून २०१४

जर्मनी के इम्पीरियल ऐबे ऑफ कोरवई को यूनेस्को ने विश्व सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया है. यह जर्मनी की 39वीं ऐसी जगह है जिसे यह सम्मान मिला है.

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Galerie - Kloster Corvey
तस्वीर: Kulturkreis Höxter-Corvey gGmbH

यह रोमन कैथोलिक गिरजे का एक मठ है जहां सेंट बेनेडिक्ट के नियमों का पालन किया जाता है. होएक्स्टर शहर के पास वेजर नदी पर बसा यह मठ जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया प्रांत में स्थित है. इसे तत्कालीन शासक लुइ द पिउस ने सन 815 से 822 के बीच बनवाया था. नौवीं से बारहवीं सदी के बीच यह मठ उत्तरी यूरोप के सबसे अहम धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक केंद्रों में से एक था. सात हजार वर्गमीटर में फैले इस मठ में यूरोप के 1200 साल के इतिहास, कला और वास्तुशिल्प की झलक देखने को मिलती है. उत्तरी और पूर्वी यूरोप में ईसाई धर्म के प्रचार में इस जगह का खास योगदान रहा है.

आज भी यहां के म्यूजियम और लाइब्रेरी में सालों का ज्ञान बंद है. यह मठ ऐसी खूबसूरत जगह पर बसा है कि हर साल हजारों सैलानी इसे देखने वेजर नदी पर पहुंचते हैं. कई लोग तो नाव से ही यहां आना पसंद करते हैं, जो ठीक मठ के सामने ही उतारती है. साल भर यहां अलग अलग तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि मठ की अहमियत से लोगों को परिचित कराया जा सके.

Galerie - Kloster Corvey
तस्वीर: Kulturkreis Höxter-Corvey gGmbH

यूनेस्को को जर्मनी ने इस साल बस एक ही नामांकन भेजा था. जर्मनी के इस मठ के अलावा इराक, जापान, सऊदी अरब और नीदरलैंड्स की इमारतों को भी विश्व सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में शामिल किया गया है. इराक के कुर्दिस्तान के इरबिल सीटाडेल को भी सूची में शामिल किया गया है. यह 19वीं सदी का बना एक किला है जो शहर की रौनक है.

साथ ही टोक्यो के करीब टोमिओका सिल्क मिल भी यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बन गयी है. 1872 में बनी इस मिल के बारे में कहा जाता है कि यह जापान की बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की तकनीक तेजी से अपनाने का प्रतीक है. इसके अलावा सऊदी अरब के बंदरगाह शहर जेद्दाह को भी सूची में रखा गया है. ढाई हजार साल तक यह शहर व्यापार का मुख्य केंद्र रहा. साथ ही इसी रास्ते लोग मक्का भी जाते रहे हैं.

हॉलैंड के शहर रॉटरडैम के पास एक फैक्ट्री फान नेलेफाब्रीक को भी यह सम्मान प्राप्त हुआ है. 1920 के दशक में बनी स्टील और कांच की इस फैक्ट्री के बारे यूनेस्को के बयान में कहा गया कि यह आधुनिक इमारत नीदरलैंड्स के व्यापारिक और व्यावसायिक इतिहास को दर्शाती है.

आईबी/एमजे (डीपीए)