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जर्मनी में ऐतिहासिक रेल स्ट्राइक

आईबी/एमजे (डीपीए)६ नवम्बर २०१४

ट्रेनों का देर से चलना और आए दिन स्ट्राइक हो जाना दुनिया के कई हिस्सों में आम सी बात है लेकिन जर्मनी के लोगों को इसकी आदत नहीं है. बीस साल में पहली बार जर्मन रेल चार दिन की स्ट्राइक पर है.

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Lokführerstreik - Frankfurt
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन लोगों को प्लान के हिसाब से चलने की आदत है. पर गुरुवार सुबह दो बजे से सोमवार सुबह चार बजे तक तक वे अपने यातायात को प्लान नहीं कर पाएंगे. रेल ड्राइवरों की हड़ताल का असर कम और ज्यादा दूरी की ट्रेनों के अलावा मालगाड़ियों पर भी पड़ा है.

हालांकि पिछले साल सितंबर से अब तक यह देश में रेल की छठी हड़ताल है लेकिन अब तक कोई भी हड़ताल इतने लंबे समय तक नहीं की गयी थी. स्ट्राइक के कारण देश भर में यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

100 घंटे की स्ट्राइक

ट्रेन ड्राइवरों की यूनियन जीडीएल ने 100 घंटे स्ट्राइक पर जाने का फैसला लिया है. जीडीएल की मांग है कि वेतन में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की जाए और हफ्ते में काम करने की अवधि को दो घंटे कम किया जाए. सरकारी जर्मन रेल कंपनी डॉयचे बान ने जीडीएल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. फ्रैंकफर्ट में याचिका दायर करते हुए डॉयचे बान के बोर्ड सदस्य उलरिष वेबर ने कहा कि उन्होंने अदालत में जाने का जोखिम उठाया है, "हम जानते हैं कि अदालत ने अतीत में हमारे खिलाफ फैसले लिए हैं. लेकिन हम यह कदम उठाने पर मजबूर हैं."

Bildergalerie Streik Lokführer
वेसेल्स्कीतस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Hiekel

कई नेता भी जीडीएल के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं. चांसलर अंगेला मैर्केल ने डॉयचे बान और जीडीएल को जल्द ही इस विवाद खत्म करने को कहा है. वहीं उद्योग पर भी इस हड़ताल के नकारात्मक असर का डर है. उद्योगपतियों का कहना है कि इस तरह की स्ट्राइक देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है.

पेट्रोल की कमी

स्ट्राइक का असर सड़कों पर भी देखने को मिला. लोकल ट्रेनों से सफर करने वाले लोगों को काम पर पहुंचने के लिए कारों का इस्तेमाल करना पड़ा, जिसके कारण अधिकतर हाइवे पर जाम लगे हुए हैं. पेट्रोल कंपनियों का कहना है कि ट्रैफिक में बढ़ोतरी के कारण कई इलाकों में रविवार से ईंधन की कमी देखी जा सकती है.

हड़ताल का सबसे ज्यादा असर 9 नवंबर के समारोहों पर पड़ेगा. जर्मनी में रविवार को बर्लिन की दीवार के गिरने की 25वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. इस मौके पर रेल हड़ताल को एक बड़ी समस्या के रूप में देखा जा रहा है. जीडीएल के अध्यक्ष क्लाउस वेसेल्स्की को काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. यूनियन के पूर्व अध्यक्ष मानफ्रेड शेल ने उनका विरोध करते हुए कहा है, "सौ घंटे तक स्ट्राइक करना बिलकुल नया है. वेसेल्स्की अपने अहंकार को हर चीज से ऊपर रख रहे हैं."