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जर्मनी में लेफ्ट पार्टी का गढ़ लिष्टेनबर्ग

२२ सितम्बर २०१७

कभी पूर्वी जर्मनी का हिस्सा रहे बर्लिन का लिष्टेनबर्ग इलाका वामपंथियों का गढ़ माना जाता है. पार्टी अपने अतीत से बाहर नहीं निकली है और इस बार एएफडी की चुनौती भी उसके सामने है जिसने बड़ी तेजी से अपनी जगह बनायी है.

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Deutschland | Berlin Lichtenberg |
तस्वीर: DW

बर्लिन के विख्यात अलेक्जांडर प्लात्स से महज 10 मिनट की ड्राइविंग पर है लिष्टेनबर्ग. 1970 के दशक में बने कंक्रीट के आपार्टमेंट वाली कॉलोनियों का विस्तार पूरे इलाके में है और यहां पूर्वी जर्मन अंदाज में लोग आधुनिक तरीके से रहते हैं. लिष्टेनबर्ग का पहले के पूर्वी जर्मनी यानी जीडीआर से जुड़ाव यहां की इमारतों की तुलना में ज्यादा गहरा है. होहेनशोएनहाउजेन इलाके में पूर्वी जर्मनी के सुरक्षा और खुफिया सेवा यानी स्टाजी का मुख्यालय और जेल है. बाकी जर्मनी की तरह ही यहां के लैंप पोस्ट भी चुनाव के पोस्टरों से भरे पड़े हैं लेकिन स्टाजी की पुरानी जेल की तरफ जाने वाली सड़क पर सिर्फ एक ही पार्टी के पोस्टर नजर आते हैं, डी लिंके यानी जर्मनी की लेफ्ट पार्टी.

Deutschland | Berlin Lichtenberg | Hohenschönhausen Stasi Gefängnis
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Deutschland | Berlin Lichtenberg
तस्वीर: DW

हाल के वर्षों में लिष्टेनबर्ग में लेफ्ट पार्टी ने खुद को लोगों का ख्याल रखने वाली पार्टी के रूप में स्थापित किया है. बच्चों की देखरेख से लेकर घर और दूसरे सामाजिक मुद्दों की चिंता कर पार्टी ने लोगों के दिल में अपने लिए जगह बनायी है. इलाके के 280,000 निवासियों में 8.2 फीसदी लोग बेरोजगार हैं और यह राष्ट्रीय औसत की तुलना में दोगुने से ज्यादा है. यहां रहने वाले एक पेंशनभोगी शख्स ने कहा, "यह एकमात्र पार्टी है जो वास्तविक उद्देश्यों के लिए काम करती है और जो जरूरी है उसे हासिल करना चाहती है. ये लोग आबादी के बड़े हिस्से की बात करते हैं. अमीरों पर टैक्स लगाना चाहते हैं और उस पैसे को बच्चों की देखभाल और घर के लिए खर्च करना चाहते हैं."

Deutschland | Berlin Lichtenberg | Obersee
तस्वीर: DW

लिष्टेनबर्ग के वोटर

पिछले साल स्थानीय चुनावों में यहां लेफ्ट पार्टी को 29 फीसदी वोट मिले थे. राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चुनाव की तुलना में यह बिल्कुल उल्टा है क्योंकि 2013 में पार्टी को सिर्फ 8.6 फीसदी वोट मिले थे. लिष्टेनबर्ग में लेफ्ट पार्टी की कमान इन दिनों गेसीने लोएच के हाथ में है जो 2002 से जर्मन संसद की सदस्य हैं. वो कहती हैं, "निश्चित रूप से जिस इलाके में हम हैं वहां लोग कुछ बेहतर स्थिति में हैं, यहां जिंदगी में सूरज की रोशनी थोड़ी ज्यादा है लेकिन बर्लिन के बाकी हिस्सों की तरह लिष्टेनबर्ग में भी समस्या है जैसे कि घर के किराये के लिए पैसा कहां से आयेगा?"

Deutschland | Berlin Lichtenberg | Gesine Lötzsch
गेसीने लोएचतस्वीर: DW

लोएच लिष्टेनबर्ग में पार्टी की सफलता का श्रेय उम्मीदवारो के मतदाताओं से जुड़ाव को देती हैं. लोएच कहती हैं, "हम वो पार्टी हैं जहां आप पहुंच सकते हैं. लोग मुझे जहां चाहें वहां मिल सकते हैं, अब ये जगह चाहे सुपरमार्केट हो या फिर सौना." लोएच के मुताबिक पार्टी को वोट देने वालों में दो तरह के लोग हैं एक वो जो पीछे रह गये हैं और दूसरे वो जो खुद तो बेहतर स्थिति में हैं लेकिन ये भी चाहते हैं कि लोगों को बिना घर के या फिर गरीबी की स्थिति में ना रहना पड़े.

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तस्वीर: picture alliance/dpa/B.Settnik

बर्लिन की दीवार गिरने के तीन दशक बाद भी लेफ्ट पार्टी का जीडीआर के साथ संबंध चुनावों में भूमिका निभाता है. यह सच्चाई है कि लेफ्ट पार्टी के कुछ सदस्य एसईडी पार्टी से जुड़े थे जो पूर्वी जर्मनी में तानाशाही सरकार चला रही थी. पार्टी ने पूर्वी जर्मनी में सरकारी कंपनियों के निजी हाथों में चले जाने से उपजे गुस्से को भुनाया है.

लेफ्ट पार्टी के अतीत को लेकर उनकी आलोचना करने वाले कहते हैं कि पार्टी अब भी अपने इतिहास से ज्यादा दूर नहीं गयी है. आलोचकों का यह भी कहना है कि पार्टी की यह बात उनके बहुत से समर्थकों को पसंद भी आती है. लिष्टेनबर्ग से सीडीयू के उम्मीदवार मार्टिन पैत्सोल्ड का कहना है कि वोटरों का मन बदल रहा है. 2016 के स्थानीय चुनाव में लेफ्ट पार्टी को 4.4 फीसदी का नुकसान हुआ था. सितंबर के चुनाव में लेफ्ट पार्टी का मुख्य मुकाबला दक्षिणपंथी एएफडी से है. एएफडी लिष्टेनबर्ग के चुनाव में पहली बार 2016 में उतरी और इसने 19 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किये.

केट ब्रेडी