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जर्मनी वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा

१३ जून २०१०

तीन बार की चैंपियन और हर बार खिताब की दावेदार समझी जाने वाली जर्मनी की फुटबॉल टीम को आज विश्व कप का आगाज करना है. पहला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से. युवा टीम और युवा कोच योआखिम लोएव उसे हल्के में लेने को तैयार नहीं.

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तस्वीर: AP

फुटबॉल इतिहास में दर्जनों इबारत लिख चुकी जर्मनी की टीम के पास इस बार कोई सितारा नहीं. कप्तान माइकल बलाक चोटिल हैं और युवा गोलकीपर रेने आडलर भी घायल होकर टीम से बाहर हैं. कप्तानी का जिम्मा फिलिप लाम के कंधों पर है और अब तक की सबसे युवा टीम दुनिया को टक्कर देने निकली है.

Fußball Länderspiel - Deutschland gegen Bosnien-Herzegowina
कोच लोएव के लिए परीक्षातस्वीर: picture alliance / dpa

लाम और लोएव की जोड़ी ने रणनीति बना ली है और डरबन में होने वाले पहले मुकाबले के लिए तैयार हैं. कोच लोएव ऑस्ट्रेलिया की रक्षा पंक्ति को लेकर चिंतित हैं. उनका कहना है, "ऑस्ट्रेलिया की ताकत है कि वे संगठित होकर खेलना जानते हैं. वे विपक्षी टीम के खेल को तहस नहस करने की ताकत रखते हैं." लोएव कहते हैं कि उनकी टीम गोल करने के मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी, लेकिन "ऑस्ट्रेलिया ऐसे बहुत मौके नहीं देगा."

जर्मनी के फुटबॉल में जादू नहीं, जज्बा है. बड़े सितारे नहीं लेकिन पूरी टीम मिल कर स्टार प्रदर्शन करने की ताकत रखती है. छोटे कद के फिलिप लाम पर बड़ी जिम्मेदारी अपने खिलाड़ियों को एक साथ बांध कर रखने की है. अगर वह यह काम कर लेते हैं, तो फिर बाकी का काम लुकास पुडोल्स्की, मीरोस्लाव क्लोजा और मारियो गोमेज जैसे खिलाड़ी कर सकते हैं.

Flash-Galerie Deutsches Team beim Training in Südafika
दक्षिण अफ्रीका में टीम की ट्रेनिंगतस्वीर: AP

कोच योआखिम लोएव ने टीम को टीम बनाने के लिए बड़ी मेहनत की है. लगभग चार साल से टीम को संवार रहे लोएव की देखरेख में जर्मनी दो साल पहले यूरो कप के फाइनल तक पहुंची है और टीम का वर्ल्ड कप क्वालीफाइंग मैचों में भी अच्छा रिकॉर्ड रहा है. हां, अगर पिछले विश्व कप से तुलना करें तो गोलकीपर ओलिवर कान और लेमन जैसी दीवारें इस बार नहीं. माइकल बलाक और फ्रिंज्स जैसे दिग्गज खिलाड़ी नहीं. लेकिन जर्मनी में फुटबॉल वैसा ही जुनून है, जैसा भारत में क्रिकेट और ऐसे में जर्मन फुटबॉलरों के पास अच्छा खेल देने के अलावा और कोई चारा नहीं है.

Deutsche Nationalmannschaft Mannschaftsfoto 2. Juni 2010 vor der WM in Südafrika
जर्मन टीमतस्वीर: picture-alliance/dpa

जहां तक ऑस्ट्रेलिया का सवाल है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल की बड़ी शक्ति के रूप में तो नहीं देखा जाता है लेकिन कई बार अपने खेल से उसने दुनिया को हैरान कर दिया है. उसके नाम 2001 का वह रिकॉर्डतोड़ मैच है, जिसमें उसने अमेरिकी समोआ को 31-0 से हरा दिया था. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल इतिहास में इतने गोल कभी किसी टीम ने नहीं किए हैं.

जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया का ग्रुप अगर बहुत मुश्किल नहीं, तो बहुत आसान भी नहीं. अफ्रीका की मजबूत टीम घाना और उलटफेर कर सकने वाली सर्बिया की टीमें भी इस ग्रुप का हिस्सा हैं और पहले मैच में जीत से रास्ते आसान हो सकते हैं.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः एम गोपालकृष्णन