1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मन एकीकरण से कॉमनवेल्थ खेलों तक

२० सितम्बर २०१०

आपकी भेजी प्रतिक्रियाओं से ही डॉयचेवेले बेहतर होता है. वेबसाइट पर लगे आलेखों-बच्चों के योन शोषण, ऱाष्ट्रमंडल खेलों की तैयारियां, जर्मन एकीकरण के बारे में लोगों की प्रतिक्रियाएं.

https://p.dw.com/p/PHbO

डॉयचे वेले हिंदी की वेबसाइट पर सरोकार में "तबाह होते बचपन को कैसे बचाए" इस शीर्षक के अंतर्गत भारत में बच्चों के होते योन शोषण पर सभी युवाओं द्वारा व्यक्त विचार काफी सटीक लगे. लग रहा है कि भारत में अंग्रेजों का राज्य ही सही था. भारत स्वतंत्र होने पर भी आज कायदे कानून का डर किसी को भी नहीं रहा है. एक तरफ जनसंख्या बढ़ रही है और दूसरी तरफ कायदे कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गए है. किसी भी घटना का राजनीतिक लाभ कैसे लिया जाय इस पर ही सभी नेता नज़र रखे होते है.

सविता जावले, मार्कोनी डी एक्स क्लब, परली वैजनाथ , महाराष्ट्र

***

डॉयचे वेले की वेबसाईट पर बर्लिन दीवार और जर्मन एकीकरण के सम्बन्ध में विशेष सामग्री पढ़ने को मिली. बर्लिन दीवार गिरना और पूर्वी व पश्चिमी जर्मनी का एक होना,इतिहास की एक महत्वपूर्ण और खुशनुमा घटना है. बर्लिन दीवार के निर्माण से लेकर इसके टूटने तक की विस्तृत और सूचनाप्रद जानकारी मिली. साथ ही दोनों जर्मनी के लोग अपने अपने परिजनों से अलग होकर किस प्रकार जी रहे थे और अपनों से मिलने के लिए किस प्रकार बेताव से इसके बारे में भी मार्मिक जानकारी मिली. इन सब महत्वपूर्ण ऐतहासिक तथ्यों की प्रमाणिक और रोचक जानकारी इतिहास की किसी किताब में मिलना मुश्किल है. बर्लिन दीवार और जर्मन एकीकरण से सम्बंधित सभी तस्वीरें बहुत ही आकर्षक और जीवंत हैं, जिनको बार बार देखने और पढ़ने का मन करता है. इसके लिए डॉयचे वेले परिवार को हमारे क्लब सदस्यों की ओर से हार्दिक धन्यवाद. अंत में 20 साल के युवा जर्मनी और वहां की जनता को इस ऐतहासिक खुशी की बहुत बहुत बधाई.

Vorabend des Jahrestags des Mauerfalls Flash-Galerie
तस्वीर: AP

डॉयचे वेले की वेब साईट में अगले महीने दिल्ली में आयोजित होने जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों की तैयारी की रिपोर्ट बहुत ही रोचक और सूचनाप्रद है. आशा है डायचे वेले,विश्व कप फुटबाल की तरह राष्ट्रमंडल खेलों को भी पूरा महत्व देगा और पल पल की जानकारी अपने श्रोताओं तक पहुंचाएगा.

चुन्नीलाल कैवर्त, ग्रीन पीस डी एक्स क्लब,जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़

***

आपकी बारी आपकी बात में अपने मेरा पत्र सम्मिलित किया हार्दिक धन्यवाद. आपकी बारी आपकी बात को जब तक पूरे 15 मिनट नहीं दिए जाते इसके साथ न्याय नहीं हो सकता. हैलो जिंदगी में अशोक कुमारजी से जर्मन एकीकरण के बाद युवाओं के रुझान के बारे में जाना. वास्तव में यह एकीकरण अभूतपूर्व घटना थी. आज आपका प्रसारण काफी दबे स्वर में सुनाई दिया. कृपया प्रसारण क्षमता में सुधार करें.

खोज में इटली में मोबाइल से घंटावादन के बारे में जानकारी रोचक रही. नई तकनीक पर पहल करना समय की मांग है. मक्के में कीडों के प्रकोप पर भी संक्षेप में जाना.

उमेश कुमार शर्मा, स्टार लिस्नर्स क्लब, नारनौल, हरियाणा

***


डीडब्ल्यू हिंदी के कार्यक्रम हर रोज सुनता हूं. सब प्रोग्राम बहुत अच्छे होते हैं, खासतौर पर वेबसाइट पर जो समाचार लगे होते हैं वे बहुत ही अच्छे होते हैं, अभी पाकिस्तान में जो बाढ़ आई थी उस के बारे में जो समाचार रेडियो पर और वेबसाइट पर लगी थी वह बहुत अच्छी थी, और ट्रांसमिशन भी साफ होते हैं. डीडब्ल्यू हिंदी सेवा वेल डन.

शाहनवाज जिस्कानी,जिस्कानी लिस्नर्स क्लब, खैरपुर मिर्स, सिंध, पाकिस्तान

***

आपके प्रसारण की गुणवता अद्वितीय है. इसमें कोई शक नहीं. 30 मिनट के कार्यक्रम में इतनी सारी गतिविधिओ को लिए आप जो कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं, वह गागर में सागर भरने के समान है. सुबह का प्रसारण के बंद होने के बाद कम से कम कार्यक्रम 45 मिनट करने की जरुरत महसूस की जाने लगी है. इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरुरत है.

राघो राम,मनीष रेडियो श्रोता क्लब, भोजपुर, बिहार

***


रंग तरंग कार्यक्रम की रिपोर्ट वेबसाइट पर पढ़ी "मुझसे शादी करोगी" लफंगे परिंदे ने दृष्टिहीन लड़की की भूमिका वाली दीपिका अपनी फिल्म के प्रचार के लिए दिल्ली आई तो उन्हें यह एहसास तो हो ही गया की दिल्ली वास्तव में दिल वालो की है. दीपिका ने उस लड़के से भले ही इंकार करके पीछा छुड़ा लिया हो मगर मीडिया के लिए एक अच्छी खबर बन गई. दीपिका भी अपने लड़की होने का सामान्य जीवन जी रही है वह कोई अलग सबसे हटकर नया काम नहीं कर रही है. दोस्त,मोहब्बत, शत्रु सब कुछ जरुरी है. वास्तव में नौजवानों को फ़िल्मी भावना में बहना नहीं चाहिए बल्कि वास्तविक धरातल पर देखना चाहिए.

Indien Bollywood Schauspielerin Deepika Padukone
तस्वीर: AP

"मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता, कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता

वैसे दोस्त तो मिल जाते है हर रास्ते पर, लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता"

प्रकाश चन्द्र वर्मा, अम्बेडकर रेडियो लिस्नर्स क्लब, अलवर, राजस्थान

***

एक दिन जिंदगी ने मुझ से सवाल किया, तुम डीडब्ल्यू का कब तक साथ दोगे. मैंने एक आंसू समंदर में गिरा दिया और कहा जब तक तुम इसे ढ़ूंढ ना लोगे.

डॉ. हेमंत कुमार, प्रियदर्शनी रेडियो लिस्नर्स क्लब, भागलपुर, बिहार

***

अफगानिस्तान में कौन जीता कौन हारा कहना मुश्किल है, सभी पक्ष अपने अपने दावे थोक रहे हैं, पिछले दिनों नाटो सहित अमेरिकी सेना प्रमुखों ने सब कुछ ठीक कर अफगानिस्तान से हटने की बात की बात कह रहे थे कि इसके ठीक बाद अफगानिस्तान सरकारी प्रमुख शांति परिषद बनाने की बात कहते सुने गए और अब तालिबान नेता उमर ने दावा किया कि तालिबान अब जीत के करीब है, ओंकार सिंह की यह रिपोर्ट मैंने आज इंटरनेट पर पढ़ी. लेकिन अफगान में नाटो की स्थिती कुछ "भाई गति सब छुछुंदर केरी" की तरह हो गई है. नाटो ये जीते ना हारे पर विजय तो साफ तौर पर नहीं हुई. देखते हैं आगे क्या होता है. ओंकार सिंह सहित डॉयचे वेले के सभी साथियों को ऐसे विश्ववयापी परिचर्चा लिखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

एस. बी. शर्मा, जमशेदपुर,झारखण्ड

***

संकलनः विनोद चढ्डा

संपादनः आभा एम