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जर्मन फुटबॉलरों पर नजरें गड़ाए मरिन्यो

२४ जुलाई २०१०

वर्ल्ड कप फुटबॉल में जर्मनी की कामयाबी ने जर्मन फुटबॉलरों के लिए भी दरवाजे खोले हैं. बताया जाता है कि रियाल मैड्रिड के कोच खोसे मरिन्यो ने जर्मन खिलाड़ियों को लेने का मन बना लिया है और टीम को नई शक्ल देना चाहते हैं

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नियम खुद बनाते हैं मरिन्योतस्वीर: AP

मरिन्यो ऐसे कोच समझे जाते हैं, जो अपने खेल में अपने नियम खुद बनाते हैं. इंटर मिलान को छोड़ कर रियाल मैड्रिड से जुड़ने वाले यूरोप के सफल कोच मरिन्यो क्लब के नए खिलाड़ियों के बारे में किसी से ज्यादा राय मशविरा नहीं करेंगे.

जो भी मरिन्यो के बारे में जानता है, वह यह भी जानता है कि वह किसी नाकाम खिलाड़ी को अपनी टीम से नहीं जोड़ना चाहेंगे, चाहे वह कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो. जिस दिन उन्होंने रियाल मैड्रिड के कोच का पद संभाला उसी दिन यह भी साफ हो गया था कि वह खिलाड़ियों को चुनने में किसी की राय नहीं लेंगे. वह खुद ही फैसला करेंगे और आखिरी फैसला भी उन्हीं का होगा.

Symbolbild Sami Khedira Real Madrid
खदीरा को खरीदने की तैयारीतस्वीर: dpa/DW

तो इसमें कोई ताज्जुब की बात नहीं कि मरिन्यो रियाल मैड्रिड को नई शक्ल देने की तैयारी कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने बड़ी योजनाएं भी बनाई होंगी. राउल जैसे खिलाड़ी को नए क्लब की राह जाने को मजबूर करने और मिडफील्डर गुटी को बेसिकटास क्लब को बेचने के बाद मरिन्यो आगे की सोच रहे हैं और इस सोच में जर्मन राष्ट्रीय सितारे सबसे ऊपर हो सकते हैं.

जर्मन फुटबॉलरों से बुनियाद

बताया जाता है कि मरिन्यो वर्ल्ड कप में जर्मनी के प्रदर्शन से इस कदर खुश हैं कि वह रियाल मैड्रिड की नई टीम इन्हीं जर्मन खिलाड़ियों के आस पास ही बुनना चाह रहे हैं. वह सामी खदीरा, बास्टियन श्वान्सटाइगर और मेसुत ओएजिल जैसे फुटबॉलरों पर नजरें गड़ाए हैं. वह इस वर्ल्ड कप के स्टार थॉमस म्यूलर और मारियो गोमेज को भी अपनी टीम से जोड़ना चाहते हैं. मरिन्यो की पहली चुनौती बार्सिलोना को हराना होगा, जिसने पिछले छह साल में से चार बार स्पेन का ला लीगा टूर्नामेंट जीता है.

Mesut Oezil Bundesliga Bremen Dortmund Fußball
वर्ल्ड कप के स्टार ओएजिलतस्वीर: AP

मैड्रिड के खेल अखबारों एएस और मार्का ने हाल के दिनों में ऐसी रिपोर्टें छापी हैं कि रियाल मैड्रिड में जर्मन क्रांति संभव है. ये अखबार क्लब के प्रेसिडेंट फ्लोरेन्तीनो पेरेज के बेहद करीब माने जाते हैं. कुछ दिनों पहले ऐसी खबरें आईं कि जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में श्टुटगार्ट से खेलने वाले स्ट्राइकर सामी खदीरा और रियाल में डील हो भी गई है. समझा जाता है कि एक करोड़ यूरो की रकम पर खदीरा मैड्रिड ट्रांसफर हो जाएंगे. वह पिछले हफ्ते मैड्रिड गए भी थे. लेकिन अब बताया जा रहा है कि डील पक्की नहीं हो पाई और श्टुटगार्ट के अधिकारियों के साथ साथ खदीरा भी इस बात से इनकार करते नजर आ रहे हैं.

शक्ति और समन्वय तलाशते मरिन्यो

दूसरी तरफ बायर्न म्यूनिख के स्टार श्वान्सटाइगर भी रियाल मैड्रिड जाने की तैयारी करते बताए जाते हैं. लेकिन इसके लिए रियाल मैड्रिड और बायर्न में डील होनी जरूरी है. वर्ल्ड कप में जर्मनी के सबसे अच्छे खिलाड़ियों में से एक श्वान्सटाइगर मिडफील्ड में पत्थर की तरह जम सकते हैं. वह मरिन्यो की टीम में नया दम भर सकते हैं.

जर्मन टीम वेर्डर ब्रैमेन की ओर से खेलने वाले ओएजिल अगर मैड्रिड की टीम में शामिल होंगे, तो स्ट्राइकर के तौर पर टीम को फायदा पहुंच सकता है. वर्ल्ड कप में ओएजिल ने अच्छा प्रदर्शन किया है. लेकिन सिर्फ रियाल ही 21 साल के जर्मन स्ट्राइकर पर नजर नहीं रखे हुए है, बल्कि दूसरे क्लबों ने भी ओएजिल को लेने का इरादा जताया है.

थॉमस म्यूलर इस साल तो बायर्न म्यूनिख को छोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि पेशेवर तौर पर यह उनका पहला सीजन है और वह इसे बीच में छोड़ने की गलती नहीं करना चाहेंगे. लेकिन उनके साथी खिलाड़ी मारियो गोमेज जल्द ही मैड्रिड की राह पकड़ सकते हैं. गोमेज को कभी जर्मनी का शानदार उभरता हुआ फुटबॉलर समझा जाता था लेकिन इस बार के वर्ल्ड कप में गोमेज नहीं, बल्कि म्यूलर उभर कर सामने आए. गोमेज की जगह रफाएल वैन डर वार्ट बायर्न म्यूनिख की टीम से जुड़ सकते हैं.

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1970' के स्टार पॉल ब्राइटनरतस्वीर: PA/dpa

वर्ल्ड कप में जर्मनी की कामयाबी जरूर मरिन्यो के लिए एक वजह रही होगी, लेकिन क्लब फुटबॉल के इतिहास पर नजर डाली जाए, तो इसके दूसरे कारण भी समझ में आते हैं. और मरिन्यो इन दूसरी वजहों को भी खूब समझते हैं.

सफल रहे हैं जर्मन फुटबॉलर

1970 के दशक में जर्मनी को वर्ल्ड कप जिताने वाले खिलाड़ी ग्यूंटर नेटजर और पॉल ब्राइटनर रियाल मैड्रिड से जुड़े थे. इसके बाद रियाल ने 1975 और 1976 का ला लीगा खिताब जीता था. जर्मनी ने इससे पहले 1974 का वर्ल्ड कप जीता था. उस दशक में बाद में उली श्टाइलाइक भी रियाल की टीम से जुड़े. रियाल ने 1978, 1979 और 1980 में फिर से खिताब जीता.

बाद में 1989 और 1990 में भी क्लब ने खिताब जीता और उस समय जर्मनी के बर्न्ड श्यूसटर टीम में थे. भले ही जर्मनी के कई फुटबॉलर रियाल मैड्रिड से जुड़ चुके हैं लेकिन पूर्व खिलाड़ी नेटजर ने खदीरा को चेताया है कि वह रियाल में न जाएं. उनका कहना है कि रियाल ने अपनी साख खो दी है और इन दिनों वह काफी समस्याओं से जूझ रहा है.

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नेटजर की नेक सलाहतस्वीर: dpa - Bildarchiv

नेटजर ने हाल में बिल्ड स्पोर्ट्स समाचारपत्र को दिए इंटरव्यू में कहा, "रियाल मैड्रिड ने अपनी साख बहुत कुछ खो दी है. यह क्लब समस्याओं का क्लब बन गया है और पिछले सीजन को देखते हुए कहा जा सकता है कि सिर्फ परंपरा से टाइटल नहीं जीते जा सकते. उन्होंने बहुत पैसे खर्च किए हैं. लेकिन बहुत से नाखुश खिलाड़ी है. खदीरा को इस बात का पता होना चाहिए."

उनका कहना है, "निश्चित तौर पर विदेशी क्लबों में खेलने से सीखने को बहुत कुछ मिलता है. फ्रांस बैकनबावर, कार्ल हाइन्स रुमेनिगे और पॉल ब्राइटनर इसके उदाहरण हैं. लेकिन सिर्फ पैसों के लिए दूसरे देश जाना अच्छा नहीं होता है."

हालांकि उनका मानना है कि अगर मरिन्यो ने निजी तौर पर खदीरा में दिलचस्पी दिखाई है, तो बात अलग है. नेटजर कहते हैं कि मरिन्यो अपने फैसले खुद करते हैं और ऐसे में खदीरा के लिए अच्छी शुरुआत हो सकती है.

रिपोर्टः निक अमीज/ए जमाल

संपादनः वी कुमार