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जर्मन सांसदों को टाई न पहनने की सजा

२३ जनवरी २०११

सरकारी तंत्र से जुड़े लोगों का सरकारी दिखना भी बहुत जरूरी है. इसीलिए जब दो जर्मन सांसद आंद्रे हुंको और श्वेन-क्रिस्टियान किंडलर ने टाई पहनने से इनकार कर दिया तो उनसे रिकॉर्डिंग सेक्रेटरी की जिम्मेदारी वापस ले ली गई.

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तस्वीर: DW

आंद्रे हुंको का संबंध जर्मनी की वामपंथी पार्टी से है तो किंडर ग्रीन पार्टी के सांसद हैं. दोनों को टाई न पहनने का खमियाजा भुगतना पड़ा. जब उन्होंने संसदीय नेताओं के कहने के बावजूद स्पीकर के मंच पर बैठते हुए टाई नहीं पहनी तो उनसे रिकॉर्डिंग सेक्रेटरी की जिम्मेदारी वापस ले ली गई. रिकॉर्डिंग सेक्रेटरी सदन के अध्यक्ष के साथ मंच पर बैठने वाले विभिन्न पार्टियों के सदस्य होते हैं जो सदन की कार्यवाही के दौरान अपनी अपनी पार्टी के लिए नोट्स तैयार करते हैं.

सिर्फ कोट पहनने वाले हुंको ने जर्मन रेडियो से बातचीत में कहा, "मैं जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग का नहीं, लोगों का चुना हुआ प्रतिनिधि हूं. मैं खुद को अपने मतदाताओं से अलग नहीं कर सकता और उनमें से ज्यादातर टाई नहीं पहनते हैं."

जर्मन संसद में सांसदों का टाई पहनना अनिवार्य नहीं है, लेकिन जब वे संसद के सामने स्पीकर के मंच पर बैठे हों तो उनसे टाई पहनने को कहा जाता है जैसा अकसर टीवी पर देखा जा सकता है. लेकिन गुरुवार को विवाद उस वक्त और बढ़ गया जब हुंको की जगह लेने वाले वामपंथी पार्टी के सांसद एलेक्जेंडर श्यूसमायर भी बिना टाई पहने रिकॉर्डिंग सेक्रेटरी के पद पर बैठे दिखे. उन्हें भी तुरंत पद से हटा दिया गया. उनकी जगह फिर अग्नेस एल्पर्स को रखा गया. शुक्र है उन्होंने कोट के साथ गले में लाल टाई पहनी थी.

असल में यह विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी सीडीयू से संबंध रखने वाले रिकॉर्डिंग सेक्रेट्रीज के चेयरमैन येंस क्योपेन ने सभी को कोट और टाई पहनने की हिदायत भरा एक खत भेजा. लेकिन अपनी जिम्मेदारियों से हाथ धोने वाले सांसद कहते हैं कि सदन के नियमों में ऐसी कोई बात नहीं है. किंडलर ने कहा, "यह सवाल जरूर उठाया जाना चाहिए कि क्या रंग बिरंगी टाई पहन कर आने वाले सत्ताधारी गठबंधन के सदस्य से सदन की गरिमा बढ़ जाती है."

वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी एसपीडी इस बात को लेकर सत्ताधारी सीडीयू के साथ खड़ी दिखती है. एसपीडी के थॉमस ऑपरमान कहते हैं, "स्थायी समिति में बैठे किसी व्यक्ति को देख कर ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह आरामदेह कपड़ों में बैठा है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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