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जलवायु परिवर्तन पर निकारागुआ ने छोड़ा अमेरिका का साथ

२४ अक्टूबर २०१७

आज से दो साल पहले पेरिस जलवायु समझौते को सिरे से नकारने वाला निकारागुआ अब इस समझौते में शामिल होने जा रहा है. जर्मनी में होने वाले कॉप23 सम्मेलन के ठीक पहले निकारागुआ का यह फैसला किया है.

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Symbolbild USA Abkehr von Klimavertrag
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Camp

मध्य अमेरिकी देश निकारागुआ, अमेरिका और सीरिया का साथ छोड़ते हुए पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होने को तैयार है. निकारागुआ की उपराष्ट्रपति रोजेरियो मुरिलो ने इसकी पु्ष्टि करते हुए कहा, "पेरिस समझौता दुनिया में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया एकमात्र संयुक्त प्रयास है." निकारागुआ की इस सहमति के बाद अब दुनिया में सीरिया और अमेरिका ही दो ऐसे देश हैं जो इस समझौते से बाहर हैं.

सितंबर में निकारागुआ के राष्ट्रपति डानियल ऑर्टेगा ने विश्व बैंक के निदेशकों से एक निजी मुलाकात के बाद घोषणा की थी कि निकारागुआ इस समझौते में शामिल होगा लेकिन कुछ समय बाद इस जानकारी को सरकारी वेबसाइट से हटा दिया गया था. निकारागुआ ने 2015 में इस समझौते को सिरे से नकार दिया था. साथ ही वैश्विक तापमान को सीमित करने के लिए अधिक ठोस और कड़े कदमों की वकालत की थी. 

पेरिस जलवायु समझौते पर साल 2015 में 195 देशों ने हस्ताक्षर किये थे. समझौते में ग्रीनहाउस उत्सर्जन को 2 फीसदी तक घटाने की प्रतिबद्धता जतायी गयी थी. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जून 2017 में इस समझौते से बाहर निकलने की घोषणा करते हुए कहा कि यह समझौता अमेरिका पर आर्थिक बोझ डाल रहा है और देश में नौकरियां कम कर रहा है. ट्रंप ने कहा था कि इस समझौते के चलते देश की तेल, गैस, कोयला और विनिर्माण इकाइयों के कामकाज में भी बाधा पहुंच रही है. इस साल जर्मनी के बॉन में होने वाले जलवायु सम्मेलन कॉप23 की अध्यक्षता फिजी कर रहा है.

एए/एके (रॉयटर्स, एएफपी)