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नोटों के एक्सपर्ट

२५ सितम्बर २०१४

कुछ मामले वाकई बहुत मुश्किल होते हैं, जैसे जाली नोट पकड़ना या कतरा कतरा हो चुके नोटों के बदले पैसे लौटना. जर्मनी के सरकारी बैंक, बुंडेसबांक में इसी काम के लिए खास एक्सपर्ट हैं. जानिए कैसे काम करते हैं ये एक्सपर्ट.

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तस्वीर: fotoknips - Fotolia.com

एक पर्स को किसी ने गलती से ओवन में छोड़ दिया. इस पर्स में से पैसे कैसे निकाले जाएं, यह समझना फ्रांक हेरत्सोग का काम है. वह जले पैसों की कीमत लगाते हैं. नोट एक्सपर्ट फ्रांक नोटों के टुकड़ों को जोड़ते हैं और पता लगाते हैं कि पर्स में कुल कितने पैसे रहे होंगे. इस पर्स में करीब 220 यूरो थे. हेरत्सोग ग्राहक बताते हैं, "जलने के बावजूद अगर नोटों का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बचे तो ही पैसे वापस मिलते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ लोग एक नोट के टुकड़े अलग अलग दिखा कर दोगुना पैसा वापस ले सकते हैं."

हर साल फ्रांक और उनके सहयोगी करीब तीन करोड़ यूरो के खराब नोटों की जांच करते हैं. फ्रांक बुंडेसबांक के एनेलिसिस सेंटर में काम करते हैं. नोट तो बदले जा सकते हैं लेकिन मुश्किल सिक्कों में होती है. फ्रांक के मुताबिक पर्स से निकले सिक्के बिलकुल खराब हो गए हैं. पिघलने की वजह से उनका आकार गड़बड़ा गया है, "इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता. बैंक भी इन्हें नहीं बदलेगा."

300 यूरो का नोट

कई बार लोग या चोर, नोटों को छुपा देते हैं और बाद में उन्हें जगह याद ही नहीं रहती. बैंक को अब भी पुरानी जर्मन मुद्रा, मार्क वाले खराब नोट मिलते रहते हैं. इन्हें भी यूरो में बदला जा सकता है.

फ्रांक के साथ एक जासूस मार्टिन वेबर भी काम करते हैं. वेबर प्रिटिंग तकनीक के एक्सपर्ट हैं और जाली नोटों को पकड़ लेते हैं. वह देखकर ही बता सकते हैं कि जाली नोट किस कारखाने में बनाए गए, "नकली नोट अकसर ज्यादा चिकने होते हैं. असली नोट हमेशा खुरदरा होता है क्योंकि वह बाजार वाले कागज से नहीं बल्कि 100 प्रतिशत कपास से बना होता है. आप इसे छूकर महसूस कर सकते हैं."

लेकिन कुछ जालसाज असली नोटों की इतनी अच्छी नकल तैयार करते हैं कि जाली नोटों का अल्ट्रावायलट टेस्टिंग से ही पता लगाया जा सकता है. मार्टिन कहते हैं, "कुछ अजीब से मामले भी होते हैं, बहुत ही अलग से. आपको 300 यूरो का नोट मिलेगा जो असल में होता ही नहीं है. फिर भी लोग इससे काम चला लेते हैं, यानि जो भी चीज जो पैसे जैसी दिखती है, उसे आप किसी एक या दूसरी जगह पर चला सकते हैं."

इन दिनों फ्रांक चूहों द्वारा कुतरे गए नोटों से जूझ रहे हैं.

रिपोर्ट: ग्रिट होफमन/एमजी

संपादन: ईशा भाटिया