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नहीं मिल रहा एमएच370

२९ मई २०१४

पानी के नीचे लंबी तलाश के बाद ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि हिन्द महासागर में जहां एमएच 370 के होने की संभावना थी, वहां वो नहीं है. वहीं अमेरिकी नौसेनिक अधिकारी ने आशंका जताई है कि विमान कभी वहां था ही नहीं.

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तस्वीर: Reuters/Australian Defence Force

ज्वाइंट एजेंसी कोऑर्डिनेशन सेंटर (जीएसीसी) ने बताया कि जहां से अप्रैल में सिग्नल मिले थे उस इलाके में पनडुब्बी से तलाश पूरी हो गई है, "जीएसीसी बता सकता है कि विशेष पनडुब्बी ने जब से तलाश शुरू की है उसे पानी के नीचे विमान के मलबे के कोई संकेत नहीं मिले हैं."

सेंटर के मुताबिक अब माना जा सकता है कि यहां एमएच 370 विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ. इससे निश्चित ही विमान के साथ लापता हुए यात्रियों के परिजनों की चिंता और व्यग्रता बढ़ेगी.

विशेष अमेरिकी ब्लूफिन 21 पनडुब्बी से लदे ऑस्ट्रेलियाई जहाज ओशन शील्ड ने 850 वर्ग किलोमीटर का इलाका तलाश करने के बाद अभियान खत्म कर दिया. एमएच 370 विमान आठ मार्च को 239 लोगों को लिए क्वालालंपुर से बीजिंग जा रहा था कि रास्ते में लापता हो गया.

MH 370 Flug Malaysia Airlines Chinesisches Schiff empfängt Signal
विशेष हेलीपैड से सजे पोततस्वीर: picture alliance/ZUMA Press

यह अभियान तब खत्म किया गया जब अमेरिकी नौसेना में ओशन इंजीनियरिंग के उप निदेशक माइकल डीन ने कहा कि समंदर से आने वाले पिंग्स की विमान के ब्लैक बॉक्स से होने की संभावना नहीं के बराबर है. उन्होंने कहा कि अगर ये विमान के वॉयस रिकॉर्डर से आए होते तो प्लेन अभी तक मिल जाना चाहिए था, "इस समय हमारा सिद्धांत ये है कि ये पिंग्स सही थे, जो जहाज से आ रहे थे या फिर पिंगर लोकेटर के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आवाज थी. जब भी आप किसी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को पानी में डालते हैं तो सबसे बड़ा डर होता है कि कहीं पानी इसके अंदर न चला जाए. ऐसा होने पर मशीन से ही आवाज आनी शुरू हो सकती है." हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये ध्वनि संकेत ब्लैक बॉक्स से नहीं आ रहे थे, ऐसा भी नहीं कहा सकता. लेकिन "फिलहाल हमारे पास इसका कोई सबूत नहीं" है. अमेरिकी नौसेना के प्रवक्ता ने बाद में कहा कि ये टिप्पणियां बहुत ही अटकलों वाली और जल्द थी.

फिर से जांच

ओशन शील्ड जहाज पर अमेरिकी नौसेना के पिंग लोकेटर लगे हैं. ये पानी के नीचे से आने वाले सिग्नलों को पकड़ सकते हैं. विमान खत्म होने के बाद जब लगातार सिग्नल ऑस्ट्रेलिया के पास हिन्द महासागर में मिले, उसके बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि ये ब्लैक बॉक्स से आने वाले सिग्नल ही हैं. इसके बाद अप्रैल में अमेरिकी पनडुब्बी ब्लूफिन 21 को पानी में भेजा गया.

जीएसीसी ने कहा है कि तलाशी अभियान अब अगले दौर में पहुंच गया है जहां समंदर की सतह को स्कैन करने करने लिए अति संवेदनशील उपकरणों का इस्तेमाल होगा. अभी तक मिली जानकारी और विश्लेषण के आधार पर अब 60,000 वर्ग किलोमीटर के इलाके में फिर से तलाश की जाएगी. चीनी सर्वेक्षण पोत झू केजेन फिलहाल समंदर की मैपिंग का अभ्यास कर रहा है. साल भर का अभियान अगस्त में शुरू होगा.

एएम/एजेए (एएफपी)