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जहीर और श्रीसंत की कमी खलीः धोनी

२२ जुलाई २०१०

गॉल टेस्ट में श्रीलंका से बुरी तरह हारने के बाद टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने माना कि जहीर खान और श्रीसंत जैसे गेंदबाजों की कमी टीम को खल गई. उन्होंने अच्छी साझीदारी न कर पाने को भी हार का कारण बताया.

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गेंदबाजों की कमी खली धोनी कोतस्वीर: AP

भारतीय टीम में अनुभवी तेज गेंदबाज जहीर खान या श्रीसंत नहीं थे. कप्तान धोनी ने कहा कि इशांत शर्मा और अभिमन्यु मिथुन ने भी कोई खराब गेंदबाजी नहीं की लेकिन अनुभव की कमी साफ झलक रही थी. उन्होंने कहा, “गॉल की स्थितियों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि अनुभव की कमी थी. मुझे लगता है कि हम गेंदबाजी में पिछड़ गए. यह तेज गेंदबाजों के लिए सीखने की जगह थी. उन्होंने पहले दिन के बाद अच्छा प्रदर्शन किया.”

उन्होंने कहा कि टीम ने अच्छा नहीं खेला और तीन सत्र में ही पारी ढह गई. लेकिन फिर भी कुछ अच्छे मौके देखने को मिले. उन्होंने मिथुन की गेंदबाजी और सहवाग की बल्लेबाजी की प्रशंसा की. धोनी ने कहा, “कई जगहों पर काम करना बाकी है. मुझे उम्मीद है कि हम गलतियों से सीख लेकर अगले टेस्ट में उतरेंगे.”

Cricketspieler Zaheer Khan
जहीर नहीं हैं टीम मेंतस्वीर: AP

उन्होंने माना कि पहली पारी में जब मुरलीधरन ने उनका और युवराज का विकेट जल्दी जल्दी ले लिया, तभी मैच पर से पकड़ निकल गई. धोनी का कहना है, “मैं समझता हूं कि मेरे और युवराज में अच्छी साझीदारी चल रही थी. हम फॉलो ऑन बचा पाने में सफल हो सकते थे. उसके बाद मैच भी बचाया जा सकता था. लेकिन मुरली ने दो खूबसूरत गेंदें फेंकी और हम दोनों को आउट कर दिया. फॉलो ऑन के बाद लगातार बल्लेबाजी करनी पड़ती है. दूसरी पारी में भी जब पार्टनरशिप मजबूत हो रही थी, तो मलिंगा ने इसे तोड़ दिया.”

खराब बल्लेबाजी की ओर इशारा करते हुए कप्तान ने कहा कि जब स्कोरबोर्ड पर बहुत ज्यादा रन न हों और आपके छह या सात विकेट गिर चुके होते हैं, तो फिर वापसी नहीं की जा सकती है. उनके अनुसार लसित मलिंगा और मुरलीधरन को भारतीय बल्लेबाज नहीं खेल पाए.

धोनी ने मुरलीधरन की तारीफ की और उन्हें बधाई भी दी. टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट ले चुके मुरलीधरन के बारे में धोनी ने कहा, “मुझे लगता है कि उन्होंने सचमुच अच्छा खेला. उन्हें काबू में रखना आसान नहीं होता. उन्होंने सच में अच्छी गेंदबाजी की तभी उन्हें आठ विकेट मिले. मुझे खुशी है कि उनके 800 विकेट पूरे हुए.”

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः आभा एम