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ज़िन्दगी बचा ले गई क्रैश से

२२ मई २०१०

दुबई से मैंगलोर आ रहे दुर्घटनाग्रस्त प्लेन में कुछ लोग ऐसे भी रहे जो किसी कारण से प्लेन में सवार नहीं हो सके. साथ ही ऐसे भी लोग थे जो इस प्लेन में सवार होने के बावजूद बच गए.

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तस्वीर: AP

कहते हैं कि जिंदगी जब बाकी होती है तो किसी भी तरह से बनी रहती है. ऐसे ही हैं कुछ लोग जो दुबई से मैंगलोर के लिए एयर इंडिया के क्रैश हो गए प्लेन में सवार होने वाले थे लेकिन या तो देरी हो गई या फिर कुछ ऐसा हो गया कि वे हवाई अड्डे पर नहीं पहुंच सके और उनका प्लेन मिस हो गया लेकिन ज़िन्दगी मिस होने से बच गई.

इन नौ यात्रियों का प्लेन मिस हो गया,

थ्रेसियाम्मा फिलिप, मर्विन डीसूज़ा, संजीव बबन्ना हेगड़े, मुहम्मद अशफ़ाक, वसंत शेट्टी, हुस्ना फरही, लुइसकार्लो विंसेट गेरारो, स्टीव रीगो और कुंहीकन्नन चांदू,

वहीं जब प्लेन बुरी तरह से जल रहा था और धुएं में लोग सांसे तलाश रहे थे तो ऐसे सात लोग थे जो इस दुर्घटना से बच निकलने में कामयाब हो गए. हालांकि अधिकतर समाचार एजेंसियों का कहना है कि 158 लोगों की इस प्लेन दुर्घटना में मौत हुई लेकिन स्थानीय मीडिया में ऐसी भी ख़बरें हैं कि 159 लोगों इसमें मारे गए. बाद में गंभीर रूप से घायल एक बच्ची ने दम तोड़ दिया.

इस हादसे में बचने वाले यात्रियों के नाम हैं,

पुत्तुरिस्मेल अब्दुल्ला, जोएल प्रताप डीसूज़ा, जीके प्रदीप, कृष्णन कूलीक्कुनू, मयंकुट्टी केपी, उमर फारुक मोहम्मद और सबरीना नसरीन हक़

रिपोर्टः एजेंसियां आभा मोंढे

संपादनः महेश झा