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जापान में खो गए दादा दादी

११ अगस्त २०१०

जापान में 40000 बुजुर्ग 100 साल पार कर चुके हैं. लेकिन इनमें से कइयों के नाम पर कोई और पेंशन ले रहा है. इस हेराफेरी का पता लगने के बाद जापान में दादा दादी की गिनती शुरू हो गई है.

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तस्वीर: Bilderbox

स्थानीय सरकारी अधिकारियों ने रजिस्टर किए गए 100 साल से ज्यादा उम्र के लोगों से मिलने का कार्यक्रम शुरू किया है. जापान में बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. और कागजों पर अभी ऐसे 40,000 लोग हैं, जो 100 साल या इससे ज्यादा के हैं.

जापान की सरकार को लगा था कि ये सभी पंजीकृत लोग जीवित हैं. लेकिन उनकी इस सोच को जोरदार झटका तब लगा जब 113 साल की फूसा फुरुया कागज़ों पर जीवित थी लेकिन सच में नहीं. उनके आश्चर्य में पड़े बच्चों ने कहा कि कई दशकों से उन्होंने उसे नहीं देखा.

इसके बाद जापान के मीडिया और सरकार में खलबली मच गई. सरकार ने 100 साल वाले लोगों से मिलने का कार्यक्रम शुरू किया तो अखबारों ने अलग गिनती शुरू की. असाही शिबुन नाम के अखबार ने 12 ऐसे लोगों को ढूंढा तो योमियुरी का कहना था कि 100 साल से ऊपर उम्र के 15 लोग गायब हैं. मानीची डेली ने 18 शतायु लोग गायब बताए.

टोकियो में ही 2500 ऐसे लोगों के नाम है जो 100 साल से ऊपर के हैं लेकिन नौ लोग ऐसे हैं जिनका कोई अता पता नहीं है.

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तस्वीर: DW

टोकियो में सोगेन काटो नाम का एक आदमी 111 साल का होना चाहिए, लेकिन जब पुलिस उसे ढूंढती हुई उसके घर पहुंची तो वहां कमरे में इस आदमी का कंकाल पड़ा था और उसके रिश्तेदार गायब थे. उसके घर में जो ताजा अखबार था वह 1978 का था. रिश्तेदारों ने दावा किया कि वह लिविंग बुद्धा होना चाहता था इसलिए खुद को कमरे में बंद कर लिया.

सरकार इस आदमी के खाते में सालों साल पेंशन डाल रही थी. छह साल पहले उसकी पत्नी की मौत हुई तब तक सरकार ने उसके खाते में एक लाख 90 हज़ार डॉलर यानी लगभग 60 लाख रुपये पेंशन के तौर पर दिए. रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में उनके अकाउंट से पैसे भी निकाले गए हैं.

जापानी लोगों का सवाल है कि लोग गायब हो जाते हैं और किसी को इस बारे में इतनी सी भी जानकारी नहीं होती ऐसा कैसे हो सकता है. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इस बारे में जानकारी जुटाना कभी कभी बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि परिवार वाले सहयोग नहीं करते. कई बार तो पूछताछ करने वालों को घर में ही नहीं घुसने दिया जाता है.

जापान में परंपरा है कि जो भी 100 साल का होता है उसे स्थानीय अधिकारियों की ओर से तोहफा दिया जाता है. लेकिन अक्सर ये तोहफे परिवार वालों के हाथ में ही दिए जाते हैं.

जापान में हाल ही में ऐसे लोगों की संख्य़ा बढ़ती जा रही है जो माता पिता की पेंशन पर निर्भर रहते हैं और कुछ काम नहीं करते. ये पेंशन उनके जीवन यापन के लिए काफी होती है लेकिन सरकार पर एक बड़ा बोझ है, क्योंकि सेवानिवृत्त होने के बाद एक व्यक्ति को 100 या और ज्यादा साल तक पेंशन देते ही जाना, वो भी ऐसे मामलों में जब वह व्यक्ति जीवित ही नहीं है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए जमाल