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जीत का पक्का भरोसा बप्पी लाहिड़ी को

२६ अप्रैल २०१४

पश्चिम बंगाल में अबकी विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर कई सितारे चुनावी जमीं पर उतरे हैं. भाजपा उम्मीदवार और जाने-माने संगीतकार बप्पी लाहिड़ी भी उनमें से एक हैं.

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तस्वीर: Prabhakar Mani Tewari

बप्पी लाहिड़ी कहते हैं कि समाज में उन्हें कामयाबी, शोहरत और पैसा बहुत कुछ दिया है, अब वे उसके बदले समाज को कुछ लौटना चाहते हैं. बप्पी लाहिड़ी हुगली जिले की श्रीरामपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उन्होंने इस इलाके के विकास को ही अपना प्रमुख मुद्दा बनाया है. पेश है स्टार उम्मीदवार से डॉयचे वेले की बातचीत के प्रमुख अंश:

आपने अचानक राजनीति में आने का फैसला क्यों किया?

राजनीति मेरे लिए कोई नई चीज नहीं है. मैं पहले कई राजनीतिक दलों के लिए चुनाव प्रचार कर चुका हूं. इस समाज ने मुझे काफी कुछ दिया है. अब मैं अपना कर्त्तव्य निभाते हुए उसे कुछ लौटाना चाहता हूं. इसके लिए राजनीति से बेहतर कोई जरिया नहीं है.

लेकिन इसके लिए भारतीय जनता पार्टी को ही क्यों चुना?

मैं शुरू से ही भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी से काफी प्रभावित था. इसके अलावा नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और काम-काज से प्रभावित होकर मैंने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. मैं कोलकाता की रैली में उनसे मिला था. उनके विचारों और भावी नीतियों ने मुझ पर गहरा असर डाला. मैं संसद तक पहुंचने की मंशा से पार्टी में नहीं आया था. लेकिन बाद में जब पार्टी नेतृत्व ने मुझे चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया तो मैं मना नहीं कर सका. मुझे लगा कि श्रीरामपुर की जनता के लिए कुछ करने का यह सुनहरा मौका है.

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राजनाथ सिंह और नरेंद्र मोदीतस्वीर: Reuters

वोटरों की शिकायत रहती है कि सितारा उम्मीदवार जीतने के बाद इलाके में नजर नहीं आते?

मैं इस मिथक को तोड़ना चाहता हूं. यह साबित करना चाहता हूं कि मैं उनमें से नहीं हूं. मैं श्रीरामपुर के ऐतिहासिक महत्व को सामने लाते हुए इसे एक पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करना चाहता हूं. जीतने के बाद यह मेरे लिए दूसरा घर होगा.

आपके मुद्दे क्या हैं?

राज्य में सरकार चाहे किसी की भी रही हो, श्रीरामपुर का इलाका पूरी तरह उपेक्षित रहा है. हुगली जिला विविधताओं से भरा है. अतीत में यह फ्रेंच और डेनिश कालोनी रह चुका है. हुगली के किनारे बसा श्रीरामपुर अपने मंदिरों और सांस्कृतिक विरासत के लिए मशहूर है. लेकिन अब तक इसके संसाधनों का समुचित दोहन नहीं हो सका है. बीते पांच वर्षों में श्रीरामपुर में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है. नदी, जूट मिल और मंदिरों वाले इस इलाके में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. मैं इलाके में बंद पड़ी जूट मिलों के पुनरुद्धार के अलावा यहां एक संगीत अकादमी भी खोलना चाहता हूं. इस इलाके को देश के पर्यटन नक्शे पर लाना ही मेरा मकसद है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में आपकी क्या राय है?

एक राजनेता के तौर पर मेरे मन में उनके लिए बेहद सम्मान है. लेकिन मेरा मकसद केंद्रीय राजनीति में जाकर इलाके के विकास की दिशा में काम करना है.

इस सीट पर आपकी जीत की संभावनाएं कैसी हैं?

मैंने अपना करियर शून्य से शुरू किया था. मेरा अब तक का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. यह चुनाव भी मेरे लिए एक संघर्ष ही है. लेकिन मैं स्वस्थ प्रतिद्वंद्विता का पक्षधर हूं. मैं बेहद आस्थावान व्यक्ति हूं. मुझे सिर्फ भगवान ही हरा सकता है, कोई व्यक्ति या राजनीतिक पार्टी नहीं.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: महेश झा