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जेल के रॉकस्टार

२२ जनवरी २०१३

हाथों में गिटार और बदन पर किसी रॉकस्टार के टशन पहने कुछ कैदी बदले से दिखाई दे रहे हैं. दुनिया में पहली बार जेल के भीतर से कनाडा और भारत की मिली जुली धुनें सुनाई दे रही है. जेल में एक अनूठी संगीत प्रस्तुति की तैयारी है.

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तस्वीर: DW

सपने कोई मामूली नहीं! बाकायदा रिहर्सल चल रही है, ऑर्केस्ट्रा के साथ 6 गानों की एल्बम रिकॉर्ड हो रही है. यह मंजर है दिल्ली के तिहाड़ जेल का जहां कैदियों ने मिल कर एक संगीत बैंड बनाया है. यह बैंड अपनी तरह का पहला संगीत बैंड है जिसमें कनाडा के जो वार्गस मुख्य गिटार वादक हैं. वार्गस नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए सजा काट रहे हैं. हत्या के आरोपी अमित सक्सेना 9 साल की सजा काट चुके हैं. वह बैंड में गाते हैं. अमित कहते हैं, "मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि यह सब सच है. कड़ी मेहनत और रातों की नींद गंवाने के बाद हम इस एल्बम को पेश करने की स्थिति में आए हैं."

दक्षिणी एशिया की सबसे बड़ी जेल के इस बैंड के सभी सदस्य तिहाड़ के कैदी हैं. कुछ हल्की उम्र के तो कुछ उनसे बड़े, कोई चोरी की सजा काट रहा है तो कोई नशीले पदार्थों की तस्करी या हत्या की.

तिहाड़ आइडल्स

डॉयचो वेले को तिहाड़ के इस संगीत बैंड से मिलने का मौका मिला. गायन प्रतियोगिता पर आधारित भारतीय टीवी शो इंडियन आइडल की तर्ज पर करीब 6 महीने पहले तिहाड़ जेल में भी 'तिहाड़ आइडल्स' का आयोजन किया गया था. इस प्रतियोगिता में करीब 350 कैदियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. शो के कुछ मुख्य गायक और विजेताओं को मिलाकर इस बैंड की संरचना हुई, जिसका पहला संगील एल्बम 'जाने-अंजाने' इसी महीने बाजार में होगा.

Indien Tihar Idols
तस्वीर: DW

जो वार्गस ने डॉयचे वेले को बताया कि जेल में उन्होंने साथी कैदियों से काफी हिन्दी भी सीख ली है. उन्होंने कहा, "जेल में आने के बाद मैंने कई साथी कैदियों को गिटार बजाना सिखाया. जब तिहाड़ आइडल्स की शुरुआत हुई तो अचानक इस अंधेरी दुनिया में रोशनी की किरण दिखाई देने लगी."

जो वार्गस और अमित सक्सेना की ही तरह शिवानी वासन भी जेल में कैदी हैं. शिवानी ने एल्बम में दो गाने गाए हैं और वह मानती हैं कि संगीत प्रेमियों को एल्बम में अंतर्राष्ट्रीय स्वाद मिलेगा.

सपनों को मिले पंख

इस एल्बम ने कई कैदियों के सपनों को पंख दिए हैं. शिवानी वासन कहती हैं, "मुझे मेरे जीवन का मकसद मिल गया है. उम्मीद करती हूं कि मैं जल्द ही यहां से बाहर निकलूंगी, निकलने के बाद मैं मुंबई जाकर फिल्म निर्माताओं से मिलूंगी और संगीत की दुनिया में पैर जमाने की कोशिश करूंगी. मैं चाहती हूं कि मैं अपने परिवार की खोई प्रतिष्ठा वापस ला सकूं." वासन पर हत्या का आरोप है.

तिहाड़ दक्षिणी एशिया की सबसे बड़ी जेल है जिसमें 13,000 से ज्यादा कैदी रहते हैं. तिहाड़ में कुछ आतंकवादी और हत्यारों से लेकर कई दूसरे बड़े अपराधी भी सजा काट रहे हैं. इस तरह की सकारात्मक गतिविधियां उन्हें जीवन में नई दिशा के लिए प्रेरित कर सकती हैं. जेल में कई दूसरे ट्रेनिंग कार्यक्रम भी चलते हैं. इन कार्यक्रमों के चलते छूटने के बाद कैदियों के लिए जीवन की नई शुरुआत करने के मौके दिखाई देते हैं.

जेल अधिकारी इस दिशा में भी काम कर रहे हैं कि उनके करीब 500 कैदियों को बैंकों और निजी संस्थाओं में नौकरी करने के अवसर मिल सकें. जेल प्रबंधक राजेश चौहान ने डॉयचे वेले से कहा, "मुझे इस संगीत बैंड पर गर्व है. मुझे खुशी है कि संगीत ने इन सब को एक दूसरे से इतनी अच्छी तरह बांध दिया है. सब एक दूसरे से मिल कर रहते हैं. मुझे उम्मीद है कि यहां से निकलने के बाद ये लोग जीवन में कुछ अच्छा ही करेंगे."

बैंड के सदस्यों और उनके साथियों को भी बस अब इंतजार है उस दिन का जब उनकी प्रतिभा की गूंज जेल की चार दीवारी से बाहर भी सुनाई देगी.

रिपोर्ट: मुर्ली क्रिश्नन/एसएफ

संपादन: ईशा भाटिया

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