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ऑर्गेनिक फूड का सच

२२ मार्च २०१४

बाजार में इन दिनों एक नया चलन है, ऑर्गेनिक खाने का. कम से कम जर्मनी में आर्गेनिक खाद्य का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वाकई मानक खाद्य से बेहतर है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मनी में कुछ खाद्य उत्पादों पर लगी ऑर्गेनिक मोहर ग्राहकों को इस बात का भरोसा दिलाती है कि यह जैविक खेतों से आए हैं. जर्मन उपभोक्ता संगठन फूडवॉच के आंद्रेयास विंकलर कहते हैं, "ऑर्गेनिक या ईको लेबल का सबसे बड़ा फायदा यह कि ये कानूनी रूप से परिभाषित किए गए हैं. आप निश्चित हो सकते हैं कि न्यूनतम जैविक खाद्य उत्पादन स्तर तक पाया गया है. इसके अलावा प्रमाण पत्र से यह भी साबित हो सकता है कि उत्पादन में मुश्किल दिशा निर्देश का पालन किया गया है." फिलहाल ऑर्गेनिक खाद्य जर्मनी में मिश्रित सफलता का अनुभव कर रहा है. एक ओर इस तरह के उत्पादों की मांग बढ़ी है लेकिन दूसरी ओर ये काफी महंगे भी हैं. जर्मनी के कृषि और खाद्य विभाग के हंस क्रिस्टोफ आइडन के मुताबिक, "ऑर्गेनिक खाद्य के लिए जर्मनी दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. जर्मनी में आर्गेनिक खाद्य का बाजार करीब 7 अरब यूरो का है. यह एक अहम बाजार है."

क्या है ऑर्गेनिक?

किसी खाद्य या उत्पाद को ऑर्गेनिक कहने का मतलब यह कि ये उत्पाद स्वस्थ और अधिक प्राकृतिक हैं. फूडवॉच के आंद्रेयास मानते हैं कि कई मामलों में यह सच भी है. डॉयचे वेले से बातचीत में उन्होंने बताया, "यूरोपीय ऑर्गेनिक लोगो और यूरोपीय संघ के पर्यावरण विनियमन इस बात की गारंटी देते हैं कि इन पर कोई कीटनाशक का छिड़काव नहीं किया गया है और इसमें किसानों द्वारा खनिज आधारित उर्वरक का उपयोग नहीं हुआ होगा."

यूरोपीय ऑर्गेनिक्स नियम यह भी निर्धारित करते हैं कि अनुवांशिक इंजीनियरिंग से तैयार पौधों का इस्तेमाल पशु चारे के लिए ना हो. इसके अलावा एडिटिव्स के इस्तेमाल भी सख्ती के साथ किए जाएं. पारंपरिक खाद्य उत्पादों में करीब 320 एडिटिव्स की अनुमति है. हालांकि ऑर्गेनिक खाद्य में करीब 50 एडिटिव्स के इस्तेमाल की ही इजाजत है.

चारा घोटाला

बढ़ती मांग के बावजूद जर्मनी में ऑर्गेनिक उत्पादकों की कमी है. जर्मनी में खेतों का सिर्फ सात फीसदी हिस्सा ही ऑर्गेनिक है. आइडन कहते हैं पारिस्थितिक खेती के विशेषज्ञ किसानों की संख्या वास्तव में गिर रही है क्योंकि किसान अर्थव्यवस्था से चिंतित हैं. लीज पर दी जाने वाली जमीन महंगी है और उत्पादन की लागत भी कहीं अधिक है. इसके अलावा ग्राहकों द्वारा ऑर्गेनिक खाद्य के लिए चुकाने वाली कीमत स्थिर नहीं है. ऑर्गेनिक खेती में कई घोटाले भी हुए हैं. जर्मनी में कई ऑर्गेनिक खेतों पर गैर ईयू स्रोत से पशु चारा इस्तेमाल करने के आरोप लग चुके हैं. यह स्रोत ब्लॉक के मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं.

फूडवॉच के आंद्रेयास विंकलर के मुताबिक वास्तव में कई जैविक प्रमाणीकरण लेबल भी हो सकते हैं, "खाद्य उद्योग में अगर हजार नहीं तो सैकड़ों प्रमाणीकरण लेबल मौजूद हैं. सुपरमॉर्केट में ग्राहक यह सोचकर चकरा जाता है कि कौनसा लेबल गंभीर है और कौनसा सिर्फ मार्केटिंग का हथकंडा है. संगठन की मांग है कि लेबल पर विस्तार से लिखा होना चाहिए कि पोषण सामग्री कितनी है, उत्पाद कहां से आ रहे हैं और साथ ही यह भी पता चले कि आनुवंशिक रूप से संशोधित सामग्री का इस्तेमाल हुआ है या नहीं.

रिपोर्ट: योहाना श्मेलर/एए

संपादन: ईशा भाटिया

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