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ज्वालामुखी से ऊर्जा

८ सितम्बर २०१४

इंडोनेशिया में नए कानून के तहत देश के ज्यादातर ज्वालामुखियों को भूऊष्मीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में इस्तेमाल करने के रास्ते खुलते हैं. उम्मीद की जा रही है कि इससे देश में अक्षय ऊर्जा बाजार को बढ़ावा मिलेगा.

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तस्वीर: Reuters

इंडोनेशिया में अक्षय ऊर्जा स्रोतों के बेहतर इस्तेमाल के लिए जारी कोशिशों के चलते यह नया कानून बनाया गया है. इसके तहत ज्वालामुखियों से मिलने वाली भूऊष्मीय ऊर्जा के इस्तेमाल के पुराने विधेयक में संशोधन किया गया है. नया कानून ऊर्जा केंद्रों की खोज संबंधी गतिविधियों के नए नियम निर्धारित करता है. इसके साथ ही शोध में दिलचस्पी रखने वाले निवेशकों को लाइसेंस देने की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार को दी गई है. पहले यह अधिकार स्थानीय प्रशासन के पास था.

इंडोनेशिया में 150 के करीब ज्वालामुखी है. इनमें से ज्यादातर सक्रिय हैं. ऐसे में कानूनी तौर पर रास्ते खुल जाने से इंडोनेशिया अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में सबसे आगे निकल सकता है. इंडोनेशिया के पास दुनिया की भूऊष्मीय ऊर्जा का 40 फीसदी हिस्सा पैदा कराने की सामर्थ्य है. विकास के लिए चिह्नित आर्किपेलागो के कई इलाके सरकारी दांवपेंच में फंसे हुए हैं. ऐसे में अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए कोयले और तेल जैसे स्रोतों पर निर्भर है.

महंगा काम

अब तक इस क्षेत्र में सबसे बड़ी दिक्कत खर्च की रही है. अंवेषण और ऊर्जा स्रोत तक पहुंचने के लिए खुदाई में भारी खर्च आता है. इस दिशा में नए आयाम तय करने के लिए जकार्ता में नए पावर प्लांट तैयार करने की योजना है. इंडोनेशिया में करीब 25 करोड़ की आबादी को बिजली मुहैया कराना प्रमुख समस्या है. इस नए फैसले से कई नए इलाके विकास के लिए खुलेंगे.

कई पश्चिमी देश भूऊष्मीय ऊर्जा से फायदा उठा रहे हैं. हालांकि यह प्रक्रिया महंगी होने के कारण बहुत आम नहीं है. ऑनलाइन मैग्जीन थिंक जियो एनर्जी के संस्थापक आलेक्जांडर रिश्टर ने डॉयचे वेले को बताया कि मेक्सिको, फिलीपींस, इटली, न्यूजीलैंड, आइसलैंड, जापान, केन्या और पूर्वी अफ्रीका के कुछ देश भूऊष्मीय ऊर्जा हासिल कर रहे हैं. उनके मुताबिक ऐसे इलाकों से भी भूऊष्मीय ऊर्जा हासिल की जा सकती है जहां ज्वालामुखी नहीं हैं. लेकिन इनके लिए खुदाई और भी गहरी करनी पड़ती है, जिसमें खर्च और भी बढ़ जाता है. जर्मनी ऐसे इलाकों से भूऊष्मीय ऊर्जा हासिल कर रहा है.

रिपोर्ट: आंद्रेया नियरहॉफ/एसएफ

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी