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झारखंड में अर्जुन मुंडा चुने गए नेता

७ सितम्बर २०१०

झारखंड में अर्जुन मुंडा को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया है और वह जेएमएम और एजेएसयू के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. राज्य में तीन महीने से जारी राजनीति गतिरोध टूटा. जेएमएम ने कहा, बिना शर्त समर्थन दिया.

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अर्जुन मुंडा बनेंगे सीएमतस्वीर: UNI

मौजूदा विधायक दल के नेता रघुवर दास के इस्तीफे के बाद मुंडा को नया नेता चुना गया है. सोमवार की रात दास को फोन कर बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने विधायक दल की बैठक बुलाने को कहा. मंगलवार को बैठक के बाद रघुवर दास ने कहा, "निर्देश के मुताबिक मैंने अपना पद छोड़ दिया है और पार्टी विधायक दल की बैठक में अर्जुन मुंडा को नेता चुना गया है."

इससे पहले बीजेपी ने झारखंड में जेएमएम और एजेएसयू के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अजय मारू ने कहा, "पार्टी ने नई सरकार बनाने का फैसला किया है." तीन महीने पहले बीजेपी और जेएमएम की गठबंधन सरकार उस वक्त बिखर गई, जब बजट सत्र के दौरान लोकसभा में कटौती प्रस्ताव पर जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन ने यूपीए सरकार के पक्ष में मतदान किया.

Shibu Soren
क्या गुरुजी का तीर निशाने पर लगातस्वीर: UNI

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, "जेएमएम ने सरकार बनाने की बीजेपी की पहल को बिना शर्त समर्थन देने का फैसला किया है." इससे पहले शिबू सोरेन के बेटे और जेएमएम विधायक दल के नेता हेमंत सोरेने ने कहा कि वह समान विचारधारा वाली पार्टियों को समर्थन देने के विकल्प खुले रखे हुए हैं क्योंकि फिर से चुनाव कराने पर भी खंडित जनादेश ही आएगा. एजेएसयू के उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने भी कहा है कि उनके पांच विधायक बीजेपी की पहल का समर्थन करेंगे.

बीजेपी संसदीय बोर्ड ने 28 अप्रैल को सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेने का फैसला किया क्योंकि शिबू सोरेन ने पार्टी की तरफ से लोकसभा में लाए गए कटौती प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया. बाद में हेमंत सोरेन की तरफ से बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी को पत्र लिखे जाने पर बीजेपी ने समर्थन वापसी के फैसले को रोक दिया. इस पत्र में जेएमएम ने कहा कि वह बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के लिए तैयार है. लेकिन जेएमएम अपनी बात से पीछे हट गई और बारी बारी से सरकार का नेतृत्व करने की मांग करने लगी. इस बात पर सहमित बनी कि 25 मई को सोरेन मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे जिसके बाद मुंडा अगली गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे.

लेकिन जब जेएमएम सत्ता साझेदारी की डील से भी पीछे हट गई, तो हताश होकर बीजेपी को 23 मई को शिबू सोरेन सरकार से समर्थन वापस लेना पडा. इसके बाद सोरेन सरकार गिर गई और राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उ भट्टाचार्य

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