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टैक्सी कंपनी बैन करना इलाज नहीं

९ दिसम्बर २०१४

दिल्ली में एक महिला के साथ टैक्सी में हुए कथित बलात्कार के बाद राजधानी में ऊबर समेत अन्य इंटरनेट बुकिंग वाली टैक्सी कंपनियों पर भी रोक लग गई है. परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि टैक्सी सेवाओं पर बैन समस्या का हल नहीं.

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तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Bahar

दिल्ली पुलिस ने टैक्सी कंपनी ऊबर के खिलाफ कथित धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. पुलिस कंपनी के अधिकारियों और गिरफ्तार ड्राइवर से पूछताछ कर रही है. हादसे के बाद राजधानी में टैक्सी कंपनियों पर रोक लगाने के फैसले के चलते समस्या के समाधान के प्रति प्रशासन के रवैये पर उंगलियां उठ रही हैं. ड्राइवर शिव कुमार यादव की गरफ्तारी के बाद सोमवार को राजधानी में ऊबर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की खबरें आईं. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय से भेजे गए फैक्स में राज्यों के पुलिस प्रमुखों से कहा गया कि वे उन सभी टैक्सी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दें जो राज्यों में रजिस्टर्ड नहीं हैं.

टैक्सी सेवाओं पर इस तरह के प्रतिबंध से काली पीली टैक्सी कंपनियों के मनमाने किराए वसूलने का डर पैदा हो गया है. दूसरी ओर इसका असर बेकसूर टैक्सी चालकों पर भी पड़ेगा जिनकी रोजी रोटी इसी पर निर्भर हैं.

प्रतिबंध समाधान नहीं

प्रतिबंध के मुद्दे पर केंद्र सरकार में असहमति के संकेत हैं. एक ओर गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध की सिफारिश की है तो दूसरी ओर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "कल को अगर बस में कुछ होता है तो हम बसों पर तो प्रतिबंध नहीं लगा देंगे. परिवहन पर प्रतिबंध से सिर्फ लोगों को असुविधा होती है, बैन समाधान नहीं है. समाधान व्यवस्था में बदलाव से होगा."

Proteste für Uber Verbot in Indien 07.12.2014
प्रतिबंध की मांगतस्वीर: AFP/Getty Images

ऊबर पर प्रतिबंध का फैसला इस आधार पर लिया गया कि कंपनी ने ड्राइवर की पृष्ठभूमि की ठीक जांच नहीं की थी. ड्राइवर शिव कुमार यादव को तीन साल पहले भी यौनहिंसा के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. मजे की बात यह कि प्रतिबंध की खबरें आने के बाद तक ऊबर का ऐप काम करता रहा, टैक्सियां बुक होती रहीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली परिवहन विभाग ने सुस्ती दिखाई और प्रतिबंध का नोटिस फैक्स के जरिए भेजा.

एक राष्ट्रीय अखबार में छपे अपने निर्णय में विभाग ने कहा है कि काली पीली टैक्सियों के अलावा सिर्फ छह रजिस्टर्ड टैक्सी कंपनियां फिलहाल दिल्ली में चल सकती हैं. ड्राइवर को सोमवार दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया जिसके बाद उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ड्राइवर ने ऊबर को अपने बारे में जाली दस्तावेज दिए थे.

ऊबर से परेशान देश

अमेरिकी कंपनी ऊबर से संबंधित यह पहला आपराधिक मामला नहीं है. इससे पहले अमेरिका में भी यौन हिंसा, अपहरण और हत्या जैसे आरोपों में कंपनी के ड्राइवरों के नाम आते रहे हैं. सोमवार को पोर्टलैंड में भी ऊबर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. कंपनी ने बिना अनुमति और बिना किसी अनुबंध के ही अपनी सेवाएं शुरू कर दीं. इस साल की शुरुआत में ऊबर कंपनी जर्मनी में भी परेशानी में फंस चुकी है. बर्लिन और हैम्बर्ग में कंपनी की सेवाओं को यह कह कर बंद कर दिया गया कि ड्राइवरों के पास टैक्सी चलाने के लिए अनिवार्य लाइसेंस नहीं है.

पिछले दिनों भारतीय सेंट्रल बैंक ने भी ऊबर को उसके क्रेडिट कार्ड पेमेंट सिस्टम के लिए झाड़ लगाई थी. बिल के भुगतान में ऊबर क्रेडिट कार्ड के केवल एक स्टेप में ऑथोराइजेशन करा रहा है जबकि नियमों के मुताबिक यह दो स्टेप में होना चाहिए. ऊबर ने बाद में इसे स्वीकार तो लिया लेकिन कहा कि दो स्टेप का तरीका "गैरजरूरी और थकाऊ" है.

इससे पहले सोमवार को ही नीदरलैंड्स ने भी ऊबर की स्मार्टफोन ऐप के जरिए बुकिंग सेवाओं पर रोक लगा दी. अदालत ने कहा कि ऐसी सेवा जिसमें गैर पेशेवर ड्राइवरों को सिर्फ एक मोबाइल के जरिए ऊबर से जुड़ने का और आधे दामों में ग्राहकों को सेवा देने का मौका मिलता है, बंद हो जानी चाहिए.

एसएफ/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी)