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डायट पर जर्मनों की गलतफहमियां

१२ जून २०१४

मोटापा बीमारी की जड़ है और सामान्य जिंदगी की बाधा भी. जर्मनी में 67 फीसदी मर्द और 53 फीसदी औरतों का वजन जरूरत से ज्यादा है. अधिकांश जर्मन मानते हैं कि उन्हें मोटा करने वाली चीजों और वजन घटाने के तरीकों का पता है.

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तस्वीर: Fotolia

जर्मनी के घरों में खाने के सामान की सप्लाई करने वाली कंपनी आइसमन के एक सर्वे में दिलचस्प नतीजे निकले हैं. कंपनी ने 1,000 पुरुषों और महिलाओं के बीच सर्वे कराया है. दुबला होने के बारे में जर्मनों की दस गलतफहमियां:

1. 66 फीसदी लोगों को लगता है कि अगर दिन में दो या तीन बार अधिक खाने के बदले कई बार कम कम खाया जाए तो दुबले होते हैं.

2. 51 फीसदी मानते हैं कि डायट करने से सिर्फ छोटी अवधि के लिए फायदा होता है.

3. 47 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे क्या खा रहे हैं, मुख्य बात यह है कि वे दिन के लिए जितना जरूरी है उतानी ही कैलोरी ले रहे हैं.

4. 45 फीसदी की राय है चर्बी वाला खाना खाने से इंसान मोटा होता है.

5. 43 फीसदी लोगों का मानना है कि स्पोर्ट करने से डायट करने की जरूरत नहीं.

6. 40 फीसदी लोग आलू और नूडल को मोटा करने वाला मानते हैं.

7. 37 फीसदी लोगों का मानना है कि बादाम खाना मोटा करता है.

8. 30 फीसदी लोगों की राय में डायट वाले आहार में आइसक्रीम की कोई जगह नहीं है.

9. 30 फीसदी जर्मन मानते हैं कि डायट खाने जितना चाहें फल खा सकते हैं.

10. एक चौथाई लोगों का मानना है कि शाकाहारी खाने से वजन कम किया जा सकता है.

आइसमन कंपनी की खान पान विशेषज्ञ मार्गा हामाखर इस सब गलतफहमियों को दूर करते हुए बताती हैं कि वजन घटाने के दौरान आइसक्रीम खाना फायदेमंद हो सकता है. लेकिन वे क्रीम वाली आइस क्रीम या बड़ा और चॉकलेट वाला आईस खाने से परहेज करने की सलाह देती हैं क्योंकि उनमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है. लेकिन इसके बदले लोग पानी वाली आइस, शर्बत या दही का आइस खा सकते हैं.

हामाखर यह भी बताती हैं कि वजन कम करने के दौरान न तो अत्यधिक मात्रा में फल खाना चाहिए और न ही सिर्फ शाकाहारी खाने से ही काम चलेगा. इसी तरह बादाम में वसा ज्यादा होती है लेकिन वह बहुत ही लाभकारी है. खाना संतुलित होना चाहिए ताकि शरीर को सारे पौष्टिक तत्व मिलें.

आइसमन कंपनी 1974 से लोगों को उनके घरों में डीप फ्रोजेन खाना पहुंचा रही है. यूरोप के नौ देशों में उसके 220 डिस्ट्रीब्यूशन केंद्र हैं. इसके अलावा ब्राजील में वह 20 लाख घरों में फ्रोजेन काने की सप्लाई कर रहा है.

रिपोर्ट: महेश झा

संपादन: ओंकार सिंह जनौटी