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डिजिटल दुनिया में भी महिलाएं हो रही हैं उत्पीड़न का शिकार

२० नवम्बर २०१७

महिलाओं पर होने वाला उत्पीड़न और दुर्व्यवहार अब डिजिटल दुनिया तक पहुंच गया है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के सर्वे मुताबिक हर चार में से एक महिला ने कभी न कभी ऑनलाइन उत्पीड़न का सामना किया है.

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Junge Frau vor Computerbildschirm
तस्वीर: picture-alliance/dpa/All Canada Photos

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने हालिया जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पिछले कुछ समय में ऑनलाइन उत्पीड़न के मामलों में इजाफा हुआ है. नतीजन, महिलायें तनाव, चिंता का सामना कर रहीं हैं और इंटरनेट के इस्तेमाल से भी हिचक रहीं हैं. आठ देशों में किये गये इस सर्वे मुताबिक तकरीबन 23 फीसदी, मतलब हर चार में से 1 महिला ने कम से कम एक बार इस तरह के दुर्व्यवहार और उत्पीड़न का सामना जरूर किया है. शोधकर्ता अजमीना ध्रोडिया कहती है, "यह कोई दबी छुपी बात नहीं है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह का दुर्व्यवहार हो रहा है लेकिन इस उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के जो नतीजे सामने आ रहे हैं वे वाकई खतरनाक हैं." उन्होंने कहा, "ऐसा भी नहीं है कि लॉगऑफ करने से ये बात या मामले वहीं खत्म हो जाते हैं." 

सर्वे के मुताबिक जिन लोगों ने भी ऑनलाइन उत्पीड़न का सामना किया है उनमें से एक चौथाई लोगों का कहना है कि इसमें शारीरिक और यौन उत्पीड़न जैसे हमले शामिल थे. वहीं एक बड़ा हिस्सा कहता है कि उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा का खतरा भी महसूस हुआ है. तकरीबन 60 फीसदी महिलायें बताती हैं कि ऑनलाइन दुर्व्यवहार और शोषण अधिकतर मामलों में अजनबी लोगों के द्वारा किया जाता है. ऑनलाइन उत्पीड़न को झेलने वाली 61 फीसदी महिलायें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी महसूस करती हैं, वहीं 55 फीसदी महिलायें तनाव, चिंता और हिचक की बात कहती हैं. वहीं 56 फीसदी महिलायें एकाग्रता में कमी महसूस करती हैं.

सर्वे में 75 फीसदी महिलाओं ने माना कि ऑनलाइन दुर्व्यवहार के चलते उनके इंटरनेट इस्तेमाल में बदलाव आया है. 32 फीसदी महिलाओं का कहना है कि वे सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने या किसी मुद्दे पर अपनी राय देने से बचने लगी हैं. ध्रोडिया के मुताबिक, "सोशल मीडिया ने जहां अभिव्यवक्ति की आजादी को बढ़ाया है वहीं सूचनाओं के प्रसार में भी जबरदस्त भूमिका निभायी है. लेकिन अब जब महिलाओं के खिलाफ होने वाला उत्पीड़न डिजिटल दुनिया तक पहुंच गया है तो तमाम महिलाओं ने बहस और चर्चाओं में भाग लेना बंद कर दिया है. इस उत्पीड़न के चलते महिलाओं को अपनी निजता और सुरक्षा का खतरा महसूस हो रहा है."

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यह सर्वे अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, पोलैंड, स्वीडन, डेनमार्क और न्यूजीलैंड में किया गया था. जहां 18-55 वर्ष की 4,000 महिलाओं से ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर बातचीत की गयी.

चेज विंटर/एए