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ताकि कभी ना खोए कोई विमान

१३ मई २०१४

ब्रिटेन की एक कंपनी दुनिया के सभी यात्री विमानों को अपनी ट्रैकिंग सुविधाएं मुफ्त में देना चाहती है. लापता हुए मलेशियाई विमान एमएच370 की खोज में भी इस उपग्रह संचालन कंपनी की भूमिका रही है.

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तस्वीर: Reuters

इनमारसैट नामकी एक ब्रिटिश उपग्रह संचालक कंपनी ने बताया है कि उसकी बेसिक ट्रैकिंग सुविधाएं विश्व के सभी यात्री विमान चालकों के लिए हैं. इस सुविधा के लिए कंपनी कोई फीस नहीं लेगी. इनमारसैट वही कंपनी है जिसने मलेशियाई विमान एमएच370 की खोज में भी मदद मुहैया कराई थी.

कंपनी का कहना है कि उनकी तकनीक के इस्तेमाल से विमान की स्थिति का ठीक ठीक पता लग सकेगा. ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम य जीपीएस की मदद से उड़ान के दौरान भी विमान की स्थिति से जुड़ी जानकारियां मिलती रहेंगी और इनमारसैट विश्व भर में फैले अपने उपग्रहों के जाल का इस्तेमाल कर हर 15 मिनट में ये जानकारी भेजता रहेगा.

कुछ जेट विमान लगातार मुख्यालय के संपर्क में रहने के लिए सैटेलाइट का इस्तेमाल करते हैं. मलेशिया के विमान ने अमेरिकी विमान कंपनी बोइंग से इसकी सुविधा नहीं ली थी क्योंकि यह बहुत महंगी है. कारों और मोबाइल फोनों में जीपीएस का इस्तेमाल अब आम बात हो गई है लेकिन अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रैफिक कंट्रोल नेटवर्क आज भी रडारों की मदद से चलता है. हवाई जहाजों की आवाजाही से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां रडार से आने वाले आंकड़ों पर निर्भर हैं. इनमारसैट के सीईओ रुपर्ट पीयर्स कहते हैं कि जिस तरह 8 मार्च को क्वालालंपुर से उड़ा मलेशियाई हवाईजहाज एमएच370 बिना कोई सुराग छोड़े गायब हो गया, उस पर सवार 239 लोगों का भी कोई पता नहीं लगा, इससे जुड़ी मुफ्त सेवा देना ही उनके लिए "सबसे सही कदम था."

मलेशियन एयरलाइंस के विमान एमएच370 की खोज के दौरान जो 'इलेक्ट्रॉनिक पिंग्स' मिले थे, वे इनमारसैट ने ही पकड़े थे. लापता हुए विमान ने भेजे पिंग इमारसैट ने पकड़े और इस से आने वाले सिग्नलों की मदद से खोज दलों को यह अंदाजा लगा कि हवाई जहाज का मलबा मिलने की संभावना किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा है. इन्हीं पिंग्स का पीछा करते हुए हिंद महासागर में लापता विमान को खोजने का अभियान चलाया गया.

कंपनी ने कहा है कि वह 'ब्लैक बॉक्स इन द स्काई' नाम की एक सेवा भी मुहैया कराएगी जिसमें अपने तय रास्ते से भटक जाने वाले विमानों के अंदर लगे फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डर के अंदर जमा सभी पुराना और ताजा डाटा भेजा जा सकेगा. माना जा रहा है कि मलेशियाई जहाज एमएच370 भी अपने तय रास्ते से भटक कर कहीं और ही चला गया था. उस विमान को गायब हुए दो महीने से भी ज्यादा समय हो गया है. ऐसी किसी तकनीक के ना होने की वजह से ही तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक विमान का मलबा तक हाथ नहीं लगा है.

आरआर/एएम (एएफपी)