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तूफान की चपेट में बांग्लादेश

१५ मई २०१३

इमारत की तबाही से कराह रहा बांग्लादेश अब एक और मुश्किल की सामना करने को तैयार हो रहा है. महासेन नाम का तूफान म्यांमार और बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है, जिससे अस्सी लाख लोग प्रभावित हो सकते हैं.

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तस्वीर: picture alliance/AP Photo

महासेन तूफान बंगाल की खाड़ी में उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढ़ रहा है और शुक्रवार सुबह इसका असर बांग्लादेश के चटगांव शहर पर पड़ना शुरू हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि इसके साथ ही म्यांमार के राखीन राज्य पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ सकता है.

म्यांमार यानी बर्मा में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय समन्वय मामलों के दफ्तर ने एक बयान जारी कर कहा, "तूफान कमजोर पड़ता दिख रहा है और इसे अब पहली श्रेणी के तूफान में शामिल कर लिया गया है."

हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि यह तूफान भारत, बांग्लादेश और म्यांमार में 82 लाख लोगों के लिए जान का खतरा साबित हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि बांग्लादेश के चटगांव और कॉक्स बाजार पर इसका बेहद खराब असर पड़ सकता है. कॉक्स बाजार समुद्र के किनारे वह जगह है, जहां रोहिंग्या मुस्लिम शिविर लगा कर रह रहे हैं. म्यांमार से करीब तीन लाख रोहिंग्या मुस्लिम भाग कर बांग्लादेश में रह रहे हैं.

स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि 113 मेडिकल टीमों को काम कर लगाया गया है और सभी सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. कॉक्स बाजार में तैनात सरकारी मजिस्ट्रेट मुहम्मद कमरुज्जमां ने बताया, "हमने तूफान से निपटने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं."

Bangladesch Häuser für die Betroffenen Flüchtlinge der Stürme Aila und Sidr
तस्वीर: DW

उन्होंने बताया कि पंजीकृत और गैर पंजीकृत रोहिंग्या मुस्लिमों को चेतावनी देने के लिए लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है, "हमने मेवों का भी इंतजाम किया है, मेडिकल टीम और एंबुलेंस तैयार की हैं. बीमार और गर्भवती महिलाओं को कैंपों से हटा कर अस्पतालों में भेज दिया गया है."

बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन मंत्री महमूद अली ने रिपोर्टरों को बताया कि सरकार ने सभी 13 तटीय जिलों में महासेन तूफान से निपटने के लिए एहतियाती तैयारियां कर ली हैं. जानकारों का कहना है कि म्यांमार के मुकाबले बांग्लादेश की सरकार तूफान से निपटने में ज्यादा सक्षम दिख रही है. म्यांमार के राखीन राज्य में रोहिंग्या मुस्लिमों की वजह से ज्यादा मुश्किल हो रही है.

म्यांमार के राज्य मीडिया का कहना है कि इलाके से 58 लोग लापता हैं और उनकी खोज की जा रही है. इन लोगों की नाव एक पत्थर से टकरा गई थी, जिसके बाद से वे लापता हैं. इस जगह के दूसरे रोंहिग्या मुस्लिम जगह छोड़ने को तैयार नहीं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है. हाल के दिनों में म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों पर हुए हमलों में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मानवाधिकार एजेंसियों का कहना है कि सरकार ने उन्हें सुरक्षा देने में पूरी मुस्तैदी नहीं बरती.

म्यांमार की सेना तूफान प्रभावित संभावित इलाकों से लोगों को हटाने का काम तेज कर रही है. हालांकि मानवाधिकार संस्थाओं का दावा है कि ये काम बहुत देर से किया जा रहा है.

एजेए/एएम (एएफपी)

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