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तोहफे खरीदने हैं, शॉपिंग असिस्टेंट है ना

२३ दिसम्बर २०१०

क्रिसमस पर अगर आपके पास तोहफे खरीदने का वक्त न हो, या फिर आप यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसको क्या दिया जाए तो आन्ने क्रूकोवा जैसी शॉपिंग असिस्टेंट आपकी मदद कर सकती हैं.

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शॉपिंग असिस्टेंट को सौंपिए अपनी खरीददारीतस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनियाभर में इन दिनों क्रिसमस की धूम हैं. यह मौका है रिश्तेदारों और परिवार वालों के साथ मिल कर खुशियां मनाने का और उन्हें तोहफे देने का. लेकिन यहां पर यह सवाल भी उठता है कि अपनों को किस तरह के तोहफे दिए जाएं. अगर आप भी इसी सवाल से जूझ रहे हैं तो आन्ने आपकी मदद करने को तैयार हैं. वह पेशेवर तौर लोगों के लिए तोहफे खरीदती हैं.

यह काम नहीं आसां

वैसे दूसरों के लिए तोहफे खरीदना का चलन सिर्फ क्रिसमस पर ही देखने को नहीं मिलता. पूरे साल में कई ऐसे मौके आते हैं. तभी तो पश्चिमी देशों में ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ रही हैं जो दूसरों के लिए तोहफे खरीदती हैं.

आन्ने क्रूकोवा बताती हैं, "मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि जो भी तोहफे चुनूं, वे उस व्यक्ति के व्यक्तित्व से जुडे हों जिनके लिए मैं यह तोहफे चुन रहीं हूं. मैं चाहती हूं कि उनमें एक आत्मा हो, भले ही मैं उस व्यक्ति को जानती हूं या नहीं. उदाहरण के लिए मैंने एक बार किसी के लिए एक चाबी खरीदी और उस चाबी पर लिखा था, मेरी आत्मा की चाबी. इसका अर्थ है कि जब आत्मा को बचाना हो तब चाबी के साथ उसे ताला बंद कर देना चाहिए. यानी कोशिश यह है कि मैं प्यार भरे तोहफे चुनूं जो किसी की व्यक्तिगत समस्याओं और इच्छाओं के साथ जुडे हुए हैं."

Zwei Frauen beim Shopping Symbolbild Shopping Assistentin
शॉपिंग में महिलाओं की महारत होती हैतस्वीर: picture-alliance/Denkou Images

आन्ने क्रुकोवा को शॉपिंग बहुत पसंद है. वह यूक्रेन से जर्मनी आई हैं. 11 साल तक उन्होंने बर्लिन के एक फैशन डिजाइनर के लिए काम किया है और उन्होंने इस दौरान कई फोटो शूटिंग और फैशन शो का आयोजन भी किया. इसलिए वह खासकर फैशन और गहनों के बारे में बहुत कुछ जानती हैं. वह बताती हैं कि महिलाओं के लिए अगर कुछ खरीदना हो, तो गुणवत्ता का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. महिलाओं के लिए गहने, शॉल या बढ़िया दस्ताने हमेशा अच्छे तोहफे माने जा सकते हैं.

शपिंग की माहिर

आन्ने एक घंटे के 40 से 80 यूरो यानी 2400 से 3200 रुपये लेती हैं. उनका मेहनताना इस बात पर निर्भर करता है कि कितना जटिल तोहफा खरीदना है. वह बताती हैं कि खासकर महिलाएं हमेशा इस कोशिश में रहती हैं कि अपने पति के लिए एक बहुत ही अलग सा, अनोखा तोहफा खरीदा जाए या फिर कुछ अलग से अरेंज किया जाएं. उदाहरण के लिए फर्रारी चलाना ही समझ लीजिए.

आन्ने कहती हैं, "बर्लिन के बडी बुटीकों में मुझे पहचाना जाता है. यह मेरे लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है. तोहफा खरीदकर मैं उसे अपने ग्राहकों को दिखाती हूं. फिर वे फैसला कर सकते हैं कि उन्हें तोहफा पसंद आया या नहीं. लेकिन आज तक सब ने मेरी चुनी हुई चीजों को पसंद किया है. मेरी एक और खासियत यह भी है कि मैं तोहफों को बहुत अच्छी तरह से पैक कर सकती हूं. इस पर महिलाएं खासकर बहुत ध्यान देती हैं."

Drei Frauen beim Shopping Symbolbild Shopping Assistentin
तोहफे से पहले दिल के जज्बात को समझना जरूरी हैतस्वीर: picture-alliance/Chad Ehlers

शॉपिंग करने से पहले आन्ने अपने ग्राहकों से पूछती हैं कि उनको किस तरह के व्यक्ति के लिए कुछ खरीदना है. क्या उन्हें किसी खास ब्रैंड की चीजें ज्यादा पसंद हैं या फिर कुछ हट कर चाहिए. आन्ने कहती हैं कि ज्यादातर ऐसे लोग उनकी मदद लेते हैं जिनके पास पैसा है, लेकिन बहुत व्यस्त हैं और समझ नहीं पाते कि क्या खरीदें.

वह कहतीं हैं कि शायद महिलाएं इस तरह का काम बहतर तरीके से कर सकती हैं क्योंकि उन्हें भावनाओं की ज्यादा समझ होती है. साथ ही वह कहतीं हैं कि यदि क्रिसमस की बात हो तब उन्हें उपभोक्तावाद से बहुत चिड़ होती है. क्योंकि तोहफा सिर्फ तोहफे के तौर पर नहीं दिया जाना चाहिए, बल्कि उसमें प्यार और भावनाएं भी होनी चाहिए.

रिपोर्टः प्रिया एसेलबोर्न

संपादनः ए कुमार

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