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थाई प्रधानमंत्री घेरे से बाहर

२४ फ़रवरी २०१४

बैंकॉक के कई इलाकों पर कब्जा करके बैठे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के घेरे से प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावट बाहर निकल गई हैं. प्रदर्शनकारी उन्हें सत्ता से हटाना चाहते हैं जबकि चिनावट ने साफ किया है कि वह पद नहीं छोड़ेंगी.

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Thailand Yingluck Shinawatra bei der Armeeführung 15.01.2014
तस्वीर: Reuters

प्रधानमंत्री यिंगलक के दफ्तर से पत्रकारों को मिली जानकारी में कहा गया कि यिंगलक बैंकॉक में नहीं हैं. यिंगलक शहर से 150 किलोमीटर दूर एक रक्षक दल के साथ हैं, जहां से वह अपनी आधिकारिक जिम्मेदारियां निभा रही हैं. उन्हें आखिरी बार सार्वजनिक रूप से बैंकॉक में एक हफ्ते पहले देखा गया था. इसी बृहस्पतिवार उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले की सुनवाई के लिए राजधानी में मौजूद रहना है. विदेश मंत्री सुरापोंग तोविचाकचाइकुल ने बताया कि प्रधानमंत्री यिंगलक मंगलवार को कैबिनेट की एक बैठक करवा सकती हैं. तोविचाकचाइकुल ने कहा, "इस बात की काफी संभावना है कि हम कैबिनेट बैठक बैंकॉक के बाहर करेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री कहां हैं, मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है."

हिंसक प्रदर्शन

थाईलैंड में चल रहे राजनैतिक संकट में ज्यादातर बैंकॉक और दक्षिण थाइलैंड के मध्यमवर्गीय लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को प्रदर्शनों के दौरान गोलियां चलीं और एक बम हमा भी हुआ जिसमें एक महिला और एक छह साल की बच्ची समेत तीन लोग मारे गए. सरकार के खिलाफ विरोध जता रहे प्रदर्शनकारी आरोप लगाते रहे हैं कि उन पर गोलीबारी और बमों से हमला किया जाता रहा है. वहीं दूसरी ओर अधिक जनसंख्या वाले उत्तर और पूर्वोत्तर के देहाती इलाकों के लोग प्रधानमंत्री यिंगलक के साथ हैं. इन दोनों पक्षों के बीच संघर्ष जल्दी थमता दिखाई नहीं दे रहा है.

Bombenanschlag in Bankok
नवंबर से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोग जख्मी हुए हैंतस्वीर: Reuters

सेना ने साफ किया है कि वह इस बार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. पिछली बार 2006 में सेना ने ही तत्कालीन प्रधानमंत्री थकसिन चिनावट का तख्तापलट किया था. सेना के प्रमुख प्रयुथ चान ओचा ने अपने टेलीविजन संदेश में कहा, "किसी को तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी. लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सिपाही तय ढांचे से बाहर जाकर हस्तक्षेप कर सकते हैं." सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने इस महीने हुए आम चुनावों का बहिष्कार कर दिया था और चुनाव प्रक्रिया में रुकावट डालने की भी कोशिश की थी. दूसरी ओर चुनाव आयोग ने कहा था कि वह चुनावी प्रक्रिया को अप्रैल के अंत तक पूरा करने की कोशिश करेगा लेकिन चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने में अभी कई महीने लग सकते हैं.

राजनीतिक अस्थिरता जारी

थाइलैंड में कई महीनों से बनी हुई राजनीतिक अस्थिरता में तीन और जानें चली गई हैं. पिछले साल नवंबर से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में हुई हिंसक मुटभेड़ों में अब तक कम से कम 20 लोगों के मारे जाने और सैकड़ों लोगों के जख्मी होने की खबरें आई हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावट तुरंत सत्ता छोड़ दें जबकि यिंगलक ऐसा न करके देश में चुनावों के जरिए नई सरकार बनाना चाहती हैं.

2001 से 2006 तक थाइलैंड के प्रधानमंत्री रह चुके यिंगलक चिनावट के भाई, थकसिन चिनावट, सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के दोषी करार दिए जा चुके हैं. इसके लिए उन्हें दो साल की सजा भी सुनाई गई थी. 2006 में सैन्य तख्तापलट के बाद उन्हें थाइलैंड से भागना पड़ा. 2008 में सजा सुनाए जाने के बाद से वह विदेश में रह रहे हैं.

आरआर/रायटर्स, डीपीए

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