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थ्योरी में हीरो प्रैक्टिकल में जीरो

२८ जून २०१३

खूब याद करके परीक्षा में सौ में सौ नंबर लाने वाले बच्चे जरूरी नहीं कि जब कंप्यूटर प्रोग्रामिंग या फिर मेज बनाने की बात आए तो उतने ही अच्छे नंबर ला सकेंगे. पढ़ाई में सिर्फ अच्छी याददाश्त ही काम नहीं आती.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

फिलहाल यूरोपीय संघ में यही दिक्कत हो रही है. यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में पढ़ाई और स्कूलों का स्तर बिलकुल अलग है. इसलिए पूरे यूरोप में ट्रेनिंग को पैनी नजर से देखा जा रहा है. प्रैक्टिस और मोबिलिटी को बढ़ावा देने की मांग की जा रही है.

अब जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड में डुएल ट्रेनिंग का सिस्टम शुरू किया गया है. स्कूल में थ्योरी के साथ कंपनी में प्रैक्टिकल काम करने का भी मौका बच्चों को दिया जाएगा.

पूर्वी या दक्षिणी यूरोप में बच्चे सिर्फ स्कूल में पढ़ कर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट ले लेते हैं. फिर फील्ड में उन्हें काफी मुश्किलों से दो चार होना पड़ता है. जबकि कई ईयू देशों में सिर्फ प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ही होती है.

अलग अलग ट्रेनिंग सिस्टम होने के कारण यूरोपीय संघ में क्वालिफाइड लोगों को ढूंढा जा रहा है. कंपनियों के लिए व्यावसायिक ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट ईयू में एक सा होना चाहिए तभी कोई युवा किसी भी देश में काम करने के लिए जा सकता है. जब तक सब सदस्य देशों में मानक एक जैसे नहीं होंगे, यूरोपीय संघ में क्वालिफाइड लोगों को ढूंढने में मुश्किल होती रहेगी.

थ्योरी में हीरो प्रैक्टिस में जीरो

अर्थव्यवस्था के लिए बने जर्मन संस्थान डीआईडबल्यू के कार्ल ब्रेंक कहते हैं, "जर्मन निवेशक ईयू में स्कूली ट्रेनिंग में मुश्किल देखते हैं. चेक गणराज्य में पता चलता है कि युवाओं के पास स्कूली सर्टिफिकेट तो होता है लेकिन ट्रेनिंग के लिए उन्हें और क्वालिफिकेशन चाहिए होता है ताकि वह कंपनियों या कारखानों में काम कर सकें."

यूरोपीय संघ ने शिक्षा की नीति अलग से नहीं बनाई है. वह सामान्य पढ़ाई में आने वाली समस्याओं के साथ ही हल की जाती है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि बाजार को देखते हुए काम किया जाए. जर्मन विशेषज्ञों का कहना है कि जर्मनी में बाजार और सरकार एक साथ काम करती हैं. कंपनियां खुद युवाओं को ट्रेनिंग देती है. इसलिए यहां ट्रेनिंग के हालात बेहतर हैं. इसी कारण युवा बिलकुल बाजार की जरूरतों के हिसाब से तैयार किए जाते हैं. सिर्फ स्कूली शिक्षा में कंपनियों की जरूरतें दूर से नहीं पता लग सकतीं.

Deutsch-griechische Tagung über die Duale Berufsausbildung
तस्वीर: DW/P. Kouparanis

दोहरी ट्रेनिंग अच्छा मौका

युवाओं और नौकरी की तलाश कर रहे लोगों के लिए दोहरी ट्रेनिंग बहुत अच्छा मौका है. क्योंकि इसमें आप स्कूल की पढ़ाई तो कर ही सकते हैं लेकिन साथ में आपके पास मौका है स्पेशल ट्रेनिंग लेने का.

यूरोपीय संघ में ऊंची बेरोजगारी दर दिखाती है कि पढ़े लिखे कुशल युवाओं के पास मौके नहीं हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में खुद को आजमा सकें. पुर्तगाल में दोहरे ट्रेनिंग का मौका है और हाल के दिनों में देखा गया है कि यहां से निकले युवाओं में से 90 से 95 फीसदी युवाओं को नौकरी मिल गई.

हालांकि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बीच आपसी साझेदारी की भी कमी है. कार्ल बेंक कहते हैं कि जरूरी है कि यूरोपीय संघ कड़े कदम उठाए. और युवाओं को बताए कि कहां नौकरी की संभावना है, कहां भविष्य है. क्योंकि यूरोपीय देशों की साझी सफलता उसके कुशल लोगों से सीधे जुड़ी है.

रिपोर्टः सबरीना पाब्स्ट/आभा मोंढे

संपादनः एन रंजन

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