1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दवा लिए बिना दवा का असर

आंद्रेयास नॉएहाउस/ईशा भाटिया२९ अक्टूबर २०१५

किसी भी बीमारी के इलाज के लिए जब डॉक्टर दवा देता है, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि दवा सही असर ही दिखाएगी. लेकिन एक नई चिप इसे बदल सकती है.

https://p.dw.com/p/1GgeR
तस्वीर: fotolia/ fmarsicano

जर्मन रिसर्चर उवे मार्क्स का सपना है कि दवा उद्योग को अगले चरण में ले जाया जाए, एक ऐसी ऊंचाई पर जहां वह ज्यादा लोगों के लिए सस्ती और असरदार दवाएं बना सकें. और इस योजना का एक अहम हिस्सा लैब में परीक्षण के दौरान मारे जाने वाले लाखों जावनरों की जान बचाना भी है. मार्क्स बीते सात साल से इस पर जुटे हैं. वे चाहते हैं कि कृत्रिम अंग को एक चिप के जरिए बाजार में लाया जाए. दरअसल चिप के अंदर छिपे अंग पर दवा टेस्ट करने के दो फायदे हैं. एक तो यह भविष्य में एनिमल टेस्टिंग का विकल्प होगा और दूसरा यह कि इसकी मदद से जांचा जा सकेगा कि हर व्यक्ति पर दवा असर करती है या नहीं.

मार्क्स इंसानी शरीर के पूरे मेटाबॉलिज्म की नकल तैयार करना चाहते हैं. 2018 तक वे इंसानी शरीर के सबसे जरूरी 10 अंगों की चिप विकसित करना चाहते हैं. इससे न सिर्फ एनिमल टेस्टिंग रुकेगी बल्कि लंबे समय तक इंसानों पर होने वाले परीक्षण भी थमेंगे. चिप के जरिए वैज्ञानिक यह तो देख ही पाएंगे कि कोई अंग दवा से कैसे प्रभावित हो रहा है, साथ ही वे हर इंसान के लिए व्यक्तिगत चिप भी विकसित कर पाएंगे. वैज्ञानिक अंगों को एक रक्तसंचार सिस्टम से जोड़ते हैं. इसके सहारे वे कई हफ्तों तक मेटाबॉलिज्म पर नजर रख सकते हैं जैसे लिवर और किडनी के बीच में. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था.

Symbolbild Wissenschaft Forschung Labor Blutprobe
तस्वीर: Fotolia/luchshen

मार्क्स बताते हैं कि जब उन्होंने लोगों को यह आइडिया सुनाया, तो उनका खूब मजाक उड़ाया गया, "लोग तो बस खिल्ली उड़ा रहे थे. फिर मैंने निजी तौर पर पूरे जर्मनी से छह से आठ प्रोफेसरों को न्योता दिया और उनके साथ दो तीन सेशनों में चर्चा की. वे पहले लोग थे जिन्होंने इसे हंसी में नहीं उड़ाया, बल्कि कहा कि हमें लगता है कि हमने इस बारे में गंभीरता से सोचा. फिर मुझे यकीन हो गया कि यह आइडिया काम करेगा."

मार्क्स को लगता है कि भविष्य में पूरी तरह ऑटोमेटेड टेस्ट फैक्ट्रियां बनेंगी. फिलहाल रिसर्च टीम कई आधारभूत बदलाव देखना चाहती है. टीम दवा उद्योग के लिए भी काम कर रही है. साथ ही स्किन क्रीम और ट्रीटमेंट की जांच चल रही है.