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दिग्विजय ने दिए करकरे से बातचीत के सबूत

४ जनवरी २०११

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मुंबई हमलों से पहले महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमन्त करकरे से अपनी बातचीत के सबूत मंगलवार को मीडिया को सौंपे. ये बातचीत एटीएस मुख्यालय के बीएसएनएल लैंडलाइन नंबर पर हुई थी.

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तस्वीर: UNI

दिग्विजय सिंह ने मुंबई में एक प्रेस में कहा, "मेरी एटीएस प्रमुख करकरे से 26/11 के हमले के तीन घंटे पहले ही बातचीत हुई थी और इसका पूरा रिकॉर्ड बीएसएनल के पास है, जो मैं मीडिया को दे रहा हूं. यह फोन एटीएस मुख्यालय पर लगा था क्योंकि करकरे अपने ऊपर लगे आरोपों से आहत थे."

बीएसएनएल के रिकॉर्ड के अनुसार मोबाइल नंबर 94250-15461 से एक कॉल 26 नवम्बर को करकरे के नंबर पर किया गया था. इसी नंबर से दिग्विजय सिंह की हेमन्त करकरे से बातचीत हुई थी.
आरएसएस से जुड़े और राज्यसभा के सदस्य बलबीर सिंह ने जब दिग्विजय सिंह के ऊपर देशद्रोही होने का आरोप लगाया तब कांग्रेस महासचिव ने अपना पक्ष रखने के लिए मीडिया को न्योता दिया और हेमन्त करकरे के साथ हुई बातचीत का सबूत पेश करने के साथ ही संघ परिवार पर उन्होंने जमकर निशाना साधा.

दिग्विजय ने कहा कि मालेगांव ब्लॉस्ट में दाखिल किए गए आरोप पत्र से साफ हो गया है कि आरएसएस और उससे जुड़े अन्य संगठन देश में आतंक फैलाने की साजिश रचने में शामिल हैं. मालेगांव ब्लॉस्ट में शामिल संघ परिवार के सदस्यों में आरोपी मध्य प्रदेश में सुनील जोशी हत्या का भी आज तक खुलासा नहीं हुआ है जबकि मध्यप्रदेश में भाजपा की ही सरकार है. समझौता एक्सप्रेस में हुए बमकांड के आरोपी भी मध्यप्रदेश में थे, लेकिन यहां की पुलिस ने कोई सहयोग नहीं किया.

शबरी कुंभ में ब्लास्ट की साजिश रची गई: दिग्विजय के अनुसार वनवासी कल्याण परिषद 2006 की छाया में गुजरात के डींग जिले में हुए 'शबरी कुंभ' के समय मालेगांव ब्लॉस्ट की जब साजिश रची गई थी. 'शबरी कुंभ' का आयोजन अजमेर समेत कई धमाकों के मास्टर माइंड असीमानंद उर्फ जोतिन चटर्जी ने किया था.

बकौल राजस्थान एटीएस असीमानंद ने इसी कुंभ में समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद ब्लास्ट, अजमेर शरीफ, मालेगांव ब्लास्ट आदि के बारे में योजना को अंजाम दिया था. इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, केएस सुदर्शन, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे.

राजस्थान एटीएस के आरोप पत्र में कहा गया है कि 11 फरवरी 2006 से शुरु हुए आयोजन में असीमानंद गुट के करीब आधा दर्जन लोगों ने करीब 10-12 दिनों तक मंत्रणा की थी. इन्हीं छह लोगों के नाम बाद में उजागर भी हुए थे जो कि सुनील जोशी, प्रज्ञा सिंह ठाकुर, संदीप डांगे, रामजी कालसांगरा, लोकेश शर्मा और देवेन्द्र गुप्ता थे। इसी घटनाक्रम के बाद सुनील जोशी की हत्या हुई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि

स्वामी असीमानंद की गिरफ्तारी हो गई है. यदि सही पूछताछ हुई तो सभी परते खुलने लगेंगी. कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया कि जब संघ के लोगो की गिरफ्तारी होती है तो सबसे ज्यादा दर्द बीजेपी को क्यों होता है? उन्होंने कहा, "मेरा बीजेपी और आरएसएस से अनुरोध है कि वे आत्मचिंतन करें क्या वे ऐसे लोगों को संरक्षण और हिमायत देने में लगे हैं जो देश में दशहत फैलाना चाहते हैं." उन्होंने कहा कि आतंकी घटना के बाद सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस पार्टी का ही होता है. वह कहते हैं, "कांग्रेस ने आतंकवाद से कभी समझौता नहीं किया है. आतंकी चाहे अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक, हमारा मानना है कि उसका साथ देना गलत है."

सौजन्यः वेबदुनिया न्यूज

संपादनः ए कुमार

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