1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

दुनियाभर में मृत्युदंड में उछाल

७ अप्रैल २०१६

एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में मृत्युदंड के इस्तेमाल में जबरदस्त इजाफा हुआ है. पिछले साल में 1600 लोगों को मृत्युदंड ​दिया गया.

https://p.dw.com/p/1IQSI
Symbolbild Schwert Exekution Saudi-Arabien
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Abir Abdullah

2014 की तुलना में 2015 में मृत्युदंड के मामलों में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस मामले में एमनेस्टी इंटरनेशनल की विशेषज्ञ चिआरा सैनजॉरजो ने डॉयचे वेले से बात करते हुए कहा, ''हम इस नाटकीय बढ़ोत्तरी को लेकर बेहद हैरान हैं. ये तो महज दर्ज हुए आंकड़े हैं, असल में तो ये संख्या और भी अधिक होगी.''

चीन के आंकड़ों के बगैर

इस आंकड़े में वे लोग शामिल नहीं हैं जिनके बारे में माना जाता है कि चीन में उन्हें मृत्युदंड दिया गया. हालांकि इस बात के पुख्ता सबूत नहीं हैं लेकिन चीन दुनिया में सबसे अधिक मौत की सजा देने वाला देश माना जाता है. चीनी सरकार के नियमों और उन्हें खूफिया जानकारी मानने के चलते वहां से मौत की सजाओं के सही आंकड़े बाहर नहीं आ पाते हैं.

2015 में उन देशों की संख्या में भी वृ​द्धि हुई है जहां मौत की सजाएं दी गई. हालांकि 94 देशों के कानून में मौत की ​सजा दिया जाना वैधानिक है लेकिन पिछले साल 25 देशों में मौत की सजा दी गई. 2014 में 22 देश थे. इन आंकड़ों में कम से कम 6 ऐसे देश हैं जिन्होंने 2014 में तो मृत्युदंड नहीं दिया था पर 2015 में दिया. मसलन अफ्रीका के चाड ने पिछले एक दशक से भी अधिक समय बाद पहली बार मौत की सजा दी है.

Infografik Länder mit Todesstrafe Englisch
58 देशों में अब भी मृत्युदंड जारी है.

'मृत्युदंड' के 'तीन अपराधी'

एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर मृत्युदंड के इन आंकड़ों में हुए इस इजाफे के ​पीछे तीन देश शामिल हैं. ईरान, पाकिस्तान और सउदी अरब. 2015 में दिए गए मृत्युदंड के इन आंकड़ों में से 90 प्रतिशत मौत की सजाएं इन तीन देशों में ही दी गई हैं.

पिछले साल पाकिस्तान में 320 लोगों को मौत की सजा दी गई. ये सजाएं 30 किस्म के अपराधों के लिए दी गई हैं जिनमें ड्रग तस्करी और बलात्कार जैसे मामले शामिल हैं. पाकिस्तान दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौत की सजाएं देने वाला देश बन गया है.

सैनजॉरजो कहती हैं, ''पिछले साल से पाकिस्तान सरकार निर्ममता से लोगों को फांसी पर लटका रही है. हम लगभग हर रोज पाकिस्तान से मौत की सजा की खबर सुनते हैं.''

वहीं ईरान ने 2015 में करीब 1000 लोगों को अधिकतर ड्रग्स से जुड़े अपराधों के लिए मौत की सजा दी है. ईरान ने किशोर अपराधियों को भी मौत की सजा देकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.

Symbolbild Todesstrafe Strick Galgen Erhängen
2014 की तुलना में 2015 में मृत्युदंड के मामलों में 50 फीसदी का इजाफा हुआतस्वीर: picture alliance/ZUMA Press

पिछले साल मौत की सजा में सबसे बड़ा उभार सऊदी अरब में देखा गया. सैनजॉरजो के मुताबिक, ''हमने ध्यान दिया है कि सऊदी अरब में मौत की सजा का इस्तेमाल लगातार हर साल बढ़ता जा रहा है. लेकिन पिछले साल हमने देखा कि यह बढ़त 76 प्रतिशत थी.'' रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर लोगों के सिर कलम किए गए लेकिन कुछ लोगों को आग के हवाले भी किया गया और कुछ लोगों को मार कर उनकी लाश सार्वजनिक जगहों पर टांग दी गई.

आतंकवाद रोकने का उपाय?

एमनेस्टी का कहना है कि इन मौत की सजाओं के बारे में अक्सर यह स्पष्टीकरण दिया जाता है कि यह आतंकवाद रोकने के उपायों के बतौर दी गई हैं. चाड, कैमरून, ट्यूनिशिया, अल्जीरिया और मिस्र के अलावा पाकिस्तान में भी यही तर्क दिया जाता रहा है.

पाकिस्तान में यह तर्क देते हुए दिसंबर 2014 में मृत्युदंड पर से रोक हटा ली गई थी. लाहौर के एक कानूनी संगठन की निदेशक सैराह बेलाल कहती हैं, ''320 लोगों में से केवल 67 लोग ऐसे हैं जिन्हें वास्तव में आतंकवाद विरोधी अदालतों ने दोषी पाया था."

वहीं सैनजॉरजो कहती हैं, ''इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण हैं कि मृत्यु दंड से आतंकवाद नहीं रुकता है. अगर सच में कोई इन बम धमाकों से निजात पाना चाहता है, तो उसे आतंकवाद के फैलने की असल वजहों को तलाशना होगा.''

Bangladesch Erster Jahrestag der Shahbagh Bewegung 2014
दुनियाभर में 102 ऐसे देश हैं जिन्होंने मृत्युदंड को पूरी तरह खत्म कर दिया हैतस्वीर: DW/M. Mamun

आतंकवाद के अलावा ड्रग तस्करी, भ्रष्टाचार, व्यभिचार और ईशनिंदा के चलते मौत की सजाएं दी गई हैं. लेकिन ये अपराध अंतरराष्ट्रीय कानून मानकों के तहत ''सर्वाधिक गंभीर'' अपराधों के दायरे में ​नहीं आते हैं. दुनियाभर में ​मानवाधिकारवादी मृत्युदंड का विरोध करते रहे हैं.

बढ़ते मृत्युदंड के मामलों के बीच ही एमनेस्टी ने यह जानकारी भी दी है कि पिछले साल चार देशों, फिजी, मेडागास्कर, सुरीनाम और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो ने मृत्युदंड को पूरी तरह खत्म कर दिया है. इन्हें मिलाकर अब दुनियाभर में 102 ऐसे देश हैं.

आने सोफी ब्रेंडलिन/आरजे