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दूसरे टेस्ट में बाहर बैठ सकते हैं गंभीर

२५ जुलाई २०१०

गॉल में 10 विकेट से मिली हार के जख्मों पर मरहम लगाने के लिए जीत को तरसती भारतीय टीम को झटका लग सकता है. गौतम गंभीर का दूसरे टेस्ट में खेलना संदिग्ध है. करारी हार के बाद टेस्ट जगत में नंबर वन टीम का सिंहासन डोल गया है.

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तस्वीर: AP

भारतीय टीम के खिलाड़ियों को लगी चोट से टीम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गंभीर के घुटने में चोट है और अभी यह पक्का नहीं है कि वह सोमवार को टेस्ट खेलने के लिए उतरेंगे. पहले टेस्ट में बढ़िया प्रदर्शन करने में गौतम गंभीर नाकाम रहे. धोनी ने कहा है कि गंभीर के खेलने पर फैसला रविवार शाम या फिर सोमवार सुबह लिया जाएगा. जहीर और श्रीसंत पहले ही टीम से बाहर हैं.

गॉल टेस्ट में भारतीय टीम खेल के हर मोर्चे पर श्रीलंका से उन्नीस नहीं, अठ्ठारह नजर आई और अब उस पर खतरा मंडरा रहा है कि कहीं वह नंबर वन टीम के पायदान से उतर न जाए. अगर कोलंबो में टीम इंडिया दूसरे मैच में भी पहले टेस्ट जैसा प्रदर्शन करती है तो तीन टेस्ट मैचों की सीरीज तो हाथ से जाएगी ही, नंबर वन का तमगा भी छीन जाने का डर है.

Lasith Malinga
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अगर भारत और श्रीलंका के बीच श्रृंखला का नतीजा 2-0 या फिर 3-0 रहता है तो भारत को टॉप से थोड़ा नीचे उतरना होगा. दूसरे टेस्ट मैच में हार यानी सीरीज श्रीलंका के पक्ष में. भारत का श्रीलंका में 17 साल बाद श्रृंखला जीतने का सपना टूट जाएगा. आखिरी बार मोहम्मद अजहरुद्दीन के नेतृत्व में भारत 1993 में श्रीलंका से विजयी होकर लौटा था.

अगर सीरीज 2-1 से भी श्रीलंका के पक्ष में रहती है तो भारत नंबर वन टीम बना रहेगा. लेकिन उसके लिए कम से कम एक मैच में जीत तो जरूरी है ही. कप्तान धोनी का कहना है कि भारत के पास तेज गेंदबाजी में अनुभव की कमी है और बड़ी साझेदारी न हो पाने के चलते टीम को नुकसान उठाना पड़ा है.

पहले टेस्ट में हार के बाद धोनी ने कहा, "गेंदबाजी में हमें अनुभव की कमी है. सीमर्स के लिए यह सीखने का मौका है और उन्होंने अच्छा काम किया है. बल्लेबाजी में हमने बड़ी साझेदारियां नहीं की. एक बार आप शुरू के छह, सात विकेट खो दें और स्कोर बोर्ड पर ज्यादा रन न हों तो फिर मैच मुश्किल हो ही जाता है."

टीम में जहीर खान और एस श्रीसंत नहीं है और ऐसे में खेल का रुख भारत की दिशा में मोड़ने का जिम्मा बल्लेबाजों पर आ गया है. उन्हें स्कोर बोर्ड पर इतने रन जुटाने हैं कि भारत के लिए किसी तरह का खतरा न हो. वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और युवराज सिंह ने अच्छी पारियां खेलीं लेकिन फिर भी टीम को हार से नहीं बचा पाए.

पहले टेस्ट में मुरलीधरन ने 800 विकेटों का कीर्तिमान तो हासिल किया ही, भारतीय बल्लेबाजी को भी उन्होंने तार तार करके रख दिया. लेकिन अब मुरली की टीम से विदाई हो चुकी है और लसिथ मलिंगा को चोट लगी है. यानी भारत के लिए कुछ राहत की बात तो है. मुश्किल इतनी जरूर है कि टीम में अजंता मेंडिस वापस आ गए हैं और वह सिरदर्द बन सकते हैं.

2008 में जब भारत ने श्रीलंका का दौरा किया तो मेंडिस भारतीय बल्लेबाजों पर कहर बनकर टूटे थे. सिर्फ तीन टेस्ट मैचों में मेंडिस ने 26 विकेट झटक लिए थे और कप्तान कुमार संगकारा उनसे वैसा ही करिश्मा दिखाने की उम्मीद कर रहे हैं. भारत के लिए स्पिन गेंदबाजी भी उत्साह का विषय नहीं है. हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा श्रीलंकाई बल्लेबाजों को बांधने में नाकाम रहे हैं और पहले टेस्ट में एक भी विकेट नहीं ले पाए. टीम में ओझा के बजाए अमित मिश्रा को शामिल किए जाने की उम्मीद है.

श्रीलंकाई टीम में लसिथ मलिंगा की जगह युवा खिलाड़ी नुवान प्रदीप को बुलाया गया है. हालांकि अंतिम 11 खिलाड़ियों में शायद वह शामिल न हो पाएं क्योंकि दिलहारा फर्नान्डो को जगह मिलने की उम्मीद है. चनाका वेलेगेदारा के साथ फर्नान्डो नई गेंद की चमक के साथ भारतीय बल्लेबाजों के सामने चुनौती पेश करेंगे जबकि एंजेलो मैथ्यूज तीसरे सीमर की भूमिका में हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार