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मंथन में इस बार

१९ फ़रवरी २०१५

हम बिंदु ए से बिंदु बी तक की दूरी कैसे तय करते हैं? आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग अपने गंतव्य तक दूसरों के मुकाबले जल्दी कैसे पहुंच जाते हैं? मंथन में इस बार इसी विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है. जरूर देखें.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/Jonathan Nackstrand

दिशा संबंधी सवालों के जवाब खोजने वाले रिसर्चर को 2014 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार दिया गया. नॉर्वे के प्रोफेसर एडवर्ड मोसर और उनकी पत्नी माय-ब्रिट मोसर ने दिमाग और दिमागी बीमारियों के बारे में कुछ उल्लेखनीय जानकारी इकट्ठी की है. उन्होंने इस रिसर्च के लिए चूहों की मदद ली. प्रोफेसर मोसर का कहना है कि जिस तरह कारों में जीपीएस सिस्टम लगा होता है, उसी तरह मानव मस्तिष्क में भी दिशा की पहचान करने वाला तंत्र होता है.

म्यूजिक का हिट फॉर्मूला

ज्यादातर पॉप गाने जो हम रेडियो पर सुनते हैं क्या वे एक ही जैसे होते हैं या यह सिर्फ हमारी कल्पनाशीलता है? जवाब बेहद दिलचस्प हैः नहीं, हम इसकी कल्पना नहीं कर रहे होते हैं. दुनिया भर में जो पॉप गाने बेहद हिट होते हैं, उनकी बहुत बड़ी संख्या ऐसी होती है, जिनके लय और ताल एक दूसरे से मिलती है. बॉन यूनिवर्सिटी के संगीत विशेषज्ञ डॉक्टर फोल्कमार क्रामार्त्स गानों का वैज्ञानिक तरीकों से विश्लेषण करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं. वह खुद भी एक प्रतिभाशाली गिटारवादक हैं और जानना चाहते हैं कि किसी गाने के हिट होने के लिए क्या जरूरी होता है.

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म्यूजिक का हिट फॉर्मूलातस्वीर: Getty Images

इलेक्ट्रिक कार

क्या सड़कों पर इलेक्ट्रिक कारों को उतारने का जर्मनी की महत्वाकांक्षी योजना असफल हो रही है? यह सुनने में बहुत अच्छा लगता हैः शांत इलेक्ट्रिक कारें, जो वायु को प्रदूषित नहीं करती हैं- हर तरह से एक आकर्षक कार. लेकिन शायद ही कोई एक इलेक्ट्रिक कार खरीद रहा है. निर्माताओं ने जोखिम उठाते हुए महंगे मॉडल तैयार किए हैं. इसमें बीएमडब्ल्यू अग्रणी है. आई3 कंपनी की नाज है. इसके विकास के लिए अरबों यूरो खर्च किए गए और इसकी विशेष बॉडी कम वजनी कार्बन से तैयार की गई है. लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह एक बड़ी गलती थी. किसी ने उस आधारभूत संरचना के बारे में नहीं सोचा, जिसकी जरूरत इलेक्ट्रिक कारों को होती है.

मुश्किल में ओरांग उटान

सुमात्रा और बोर्निया के वर्षावन वानर जाति के ओरांग उटान के लिए प्राकृतिक घरौंदा है. दुनिया के इस हिस्से का वर्षावन धरती के सबसे पुराने वर्षावनों में हैं. लेकिन हाल के दशकों में यहां जंगलों की कटाई होने लगी है और ताड़ के पेड़ों की खेती की वजह से वर्षावन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इसकी वजह से ओरांग उटान जैसे जानवरों पर खतरा पैदा हो गया है. जर्मनी के जीवविज्ञानी फिलहाल एक प्रोजेक्ट की मदद कर रहे हैं, जिससे सुमात्रा में ओरांग उटानों की संख्या बढ़ सकती है.

लियों का लायन

फ्रांस का लियों शहर साल में एक बार "रोशनी का त्योहार" मनाता है. यह त्योहार 17वीं सदी की एक परंपरा पर आधारित है. उस वक्त शहर के लोगों ने प्लेग की महामारी खत्म होने पर मां मेरी की एक प्रतिमा स्थानीय चर्च में स्थापित की थी. हर साल आठ दिसंबर को शहर के निवासी इसकी वर्षगांठ मनाते हैं, जिसमें एक परेड भी निकलती है. साल 1989 से इस जश्न में लाइट शो को भी शामिल कर लिया गया, जो चार दिनों तक चलता है. अब यह दुनिया भर के सबसे अहम लाइट शो में गिना जाने लगा है.

एजेए/ओएसजे