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'दोस्ती का नहीं बिजनेस का वक्त'

२६ जून २०१४

फुटबॉल वर्ल्ड कप में गुरुवार को जर्मन टीम का मुकाबला अमेरिका से है. अमेरिका की टीम में कई सदस्य जर्मन मूल के हैं. दोनों टीमों के कोच जर्मनी की टीम को एक साथ कोच कर चुके हैं और उनके बीच गुरु-चेले का संबंध है.

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तस्वीर: picture alliance/AP Photo

जर्मनी और अमेरिका की टीमें ग्रुप में पहले स्थान के लिए भिडेंगी. जब सेंटर हाफ जॉन ब्रुक्स ने घाना के खिलाफ अमेरिका का गोल किया तो कुछ क्षणों के लिए उनकी बांह पर अजीब से टैटू नजर आए. एक बांह पर बर्लिन की तस्वीर थी जो उनकी मां का शहर है, दूसरे पर इलीनॉय जहां उनके पिता रहते हैं. ब्रुक्स अमेरिकी टीम के अकेले जर्मन अमेरिकी नहीं हैं. घाना को हराने और पुर्तगाल पर दबदबे के बाद से इस टीम को हैरानी भरे नतीजे देने वाली टीम कहा जा रहा है.

और जर्मनी से होने वाले मैच से पहले सबकी निगाहें इस मुकाबले पर है. खासकर आक्रामक मिडफील्डर जरमैन दोन्स पर जो पुर्तगाल के खिलाफ मैच में पूरी ताकत से खेले और पहला गोल कर स्कोर बराबर किया. खेल के अंत तक वो इतना थक गए कि उनसे चला भी नहीं जा रहा था. वे बहुत से लोगों के लिए जुझारू खेल का प्रतीक बन गए.

जोन्स और ब्रुक्स के अलावा टीम में तीन और जर्मन अमेरिकन हैं. वे सभी अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ फीफा के उस नियम का सहारा ले रहे हैं जो खिलाड़ियों को उस देश के लिए खेलने की अनुमति देता है जिसकी राष्ट्रीयता उनके पास है, शर्त यह कि उन्होंने दूसरे देश की राष्ट्रीय टीम में न खेला हो. वे आपस में और जर्मन मीडिया के साथ जर्मन में ही बोलते हैं. जर्मन प्रेस भी उनमें खासी दिलचस्पी ले रहा है. इतना ही नहीं टीम के कोच युर्गेन क्लिंसमन के पास भी दुहरी नागरिकता है.

WM 20006 - Jürgen Klinsmann und Joachim Löw
युर्गेन क्लिंसमन और योआखिम लोएवतस्वीर: picture alliance / dpa

युर्गेन क्लिंसमन ने 1990 में जर्मनी के टॉप स्ट्राइकर के रूप में वर्ल्ड कप जीता था और उसके बाद जर्मन टीम को फिर से अंतरराष्ट्रीय टीम बनाने में कोच के रूप में योगदान दिया. उनके नेतृत्व में टीम ने 2006 में वर्ल्ड कप में तीसरा स्थान पाया था. उस समय वे अपनी अमेरिकी पत्नी के साथ कैलिफोर्निया में रह रहे थे और परिवार के साथ रहने के लिए उन्होंने जर्मनी के कोच का पद छोड़ दिया. वे अभी भी दक्षिणी कैलिफोर्निया में रहते हैं जहां उनका बेटा अमेरिका की यूथ टीम का गोलकीपर है.

टीम के दूसरे कई खिलाड़ियों के पिता अफ्रीकी अमेरिकी सैनिक के रूप में जर्मनी में तैनात थे और उनकी मांए जर्मन हैं. जब जोन्स पैदा हुए थे उस समय जर्मनी में 2,50,000 अमेरिकी सैनिक तैनात थे. 32 वर्षीय जोन्स जर्मनी के लिए दोस्ताना मैच खेले हैं लेकिन जब उन्हें 2008 के यूरो कप टीम में शामिल नहीं किया गया तो वे अमेरिका चले गए. 26 वर्षीय फुल बैक फाबियान जॉनसन तो 2009 में मानुएल नॉयर, मेसुत ओएजिल, सेमी केदिरा की जर्मन टीम के साथ अंडर-21 यूरोपीय ट्रॉफी जीत चुके हैं. क्लिंसमन ने उन्हें बुलाया तो उन्होंने तुरंत हां कह दिया.

लेकिन क्लिंसमन इस पर जोर देते हैं कि खिलाड़ियों के मिश्रित मूल का असर कोच योआखिम लोएव की जर्मन टीम के साथ होने वाले खेल पर नहीं होगा. 2006 के वर्ल्ड कप के समय योआखिम लोएव क्लिंसमन के असिस्टेंट थे. उन्होंने कहा है कि दोनों टीमें जीतने के लिए मैदान में उतरेंगी, हालांकि एक ड्रॉ दोनों ही टीमों को अगले दौर में पहुंचा देगा और ठीक उसी समय खेल रहे पुर्तगाल और घाना को टूर्नामेंट से बाहर कर देगा.

इस बीच मीडिया में अटकलें चल रही हैं कि क्या क्लिंसमन और लोएव ने रेसिफ में होने वाला मैच फिक्स कर लिया है. यह पूछे जाने पर क्लिंसमन ने कहा, "ऐसा कोई कॉल नहीं हुआ है. इस समय दोस्ताना टेलिफोन बातचीत के लिए समय नहीं है. इस समय काम से काम है." दोनों ही पक्ष संभावित साजिश के सवालों का जवाब दे रहे हैं लेकिन साथ ही किसी डील की अटकलों को नकार रहे हैं.

यह सवाल इसलिए भी पूछा जा रहा है कि वर्ल्ड कप के इतिहास में हुई इस तरह की कई घटनाओं में से एक में जर्मन शामिल रहे हैं. स्पेन में हुए 1982 के वर्ल्ड कप में जर्मनी ने ऑस्ट्रिया के खिलाफ दसवें मिनट में एक गोल कर दिया था और उसके बाद 80 मिनट तक टीमें बॉल को इधर उधर घुमाती रहीं क्योंकि यह नतीजा दोनों ही टीमों को अगले दौर में पहुंचा रहा था. इस मैच के बाद फीफा ने यह नियम बना दिया कि ग्रुप स्तर के आखिरी मैच एक ही समय में खेले जाते हैं ताकि टीमें दूसरे मैच के नतीजों को प्रभावित न कर सकें.

एमजे/ओएसजे (डीपीए, एपी)