दो साल में सबसे महंगा हुआ अनाज
२ सितम्बर २०१०खाद्य व कृषि संगठन ने बुधवार को रोम में बताया है कि खाद्य पदार्थों का मूल्य सूचकांक जुलाई से अगस्त में पांच फीसदी चढ़ कर औसत 176 अंक हो गया. खाद्य पदार्थों की कीमत सितंबर 2008 के बाद पहली बार नए रिकॉर्ड को छू रही है. हालांकि जून 2008 के रिकॉर्ड से अभी भी 38 फीसदी कम है.
खाद्य व कृषि संगठन के बयान में कहा गया है कि अनाजों की कीमत चढ़ने की वजह संयुक्त राष्ट्र संगठन ने मुख्य रूप से गेहूं, चीनी और तिलहन की कीमतों में वृद्धि को बताया है. रूस में सूखे के बाद गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके कारण विश्व बाजार में गेहूं की कीमी हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं.
इस साल जून में अपने अर्द्धवार्षिक फूड आउटलुक में खाद्य व कृषि संगठन ने कहा था कि उत्पादन में वृद्धि और विश्वव्यापी भंडार को बढ़ाए जाने से अनाज की कीमतें घटेंगी. उसका अनुमान था कि इस साल साढ़े 64 करोड़ गेहूं का उत्पादन होगा. लेकिन इस साल ऐतिहासिक सूखे में रूस की 1 करोड़ हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल नष्ट हो गई.
अब संयुक्त राष्ट्र के संगठन ने इस साल के अनाज उत्पादन के अनुमान को घटा दिया है. उसका कहना है कि 4 करोड़ टन की कमी के बाद इस साल विश्व भर में सवा दो अरब टन अनाज का उत्पादन होगा. पाकिस्तान में आई बाढ़ के कारण धान के उत्पादन में भी कमी के संकेत हैं. लेकिन एफएओ का कहना है कि इसके बावजूद इस साल धान की रिकॉर्ड फसल होगी.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: एस गौड़