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धनी देशों में गिर रही है गर्भपात की दर

१३ मई २०१६

धनी देशों में गर्भपात की दर लगातार घट रही है. पिछले 25 सालों में धनी देशों में गर्भपात की दर 4.6 प्रतिशत से गिरकर 2.7 प्रतिशत रह गई है. ब्रिटिश विज्ञान पत्रिका लैंसेट के अनुसार विकासशील देशों में स्थिति पहले जैसी ही है.

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Bildergalerie Abtreibung im Iran
तस्वीर: Zsolnai Gergely/Fotolia

धनी देशों में गर्भपात के मामलों में कमी की मुख्य वजह गर्भधारण का समय और बच्चों की संख्या का फैसला कर सकने की महिलाओं की आजादी है. आधुनिक गर्भनिरोधकों की आसानी से उपलब्धता ने इसमें मदद दी है और महिलाओं को गर्भ के समय के फैसले पर अधिक नियंत्रण दिया है. रिपोर्ट के लिए विभिन्न देशों के राष्ट्रीय सर्वे और दूसरी प्रकाशित और अप्रकाशित रिपोर्टों की मदद ली गई. इसके अलावा गर्भनिरोधकों की जरूरत और उपयोग पर हुए सर्वे को भी शामिल किया गया.

धनी देशों की कामयाबी

गर्भपात के मामलों में सबसे ज्यादा कमी पूर्वी यूरोप में देखने में आई. वहां 15 से 44 साल की उम्र की महिलाओं में गर्भपात की दर प्रति 1000 महिला 88 से घटकर 42 पर पहुंच गई. इसके विपरीत गरीब देशों में गर्भपात की दर करीब करीब पिछले सालों जैसे रही. रिपोर्ट के अनुसार प्रति 1000 महिलाएं गर्भपात की दर 39 से गिरकर 37 पर आई.

Symbolbild Geburt Abtreibung Schwangerschaft Massensterilisation
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS.com

रिपोर्ट के अनुसार जांच की अवधि में गर्भधारण करने वाली करीब 25 प्रतिशत महिलाओं ने गर्भपात कराया. 2010 से 2014 के बीच सबसे तेज दर लैटिन अमेरिका में देखी गई, हालांकि वहां के कई देशों में गर्भपात के कानून अत्यंत सख्त हैं. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की डाएन ग्रीन चेतावनी देती हैं कि गर्भपात का अपराधीकरण कर उसे नहीं रोका जा सकता. "इसके जरिये लोग अवैध तरीके अपनाने और सेवाएं लेने को मजबूर होंगी."

आधुनिक गर्भनिरोधक

धनी देशों में गर्भपात कम होने की वजह आसानी से आधुनिक गर्भनिरोधक विकल्पों की उपलब्धि है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और गुटनाखर इंस्टीट्यूट द्वारा कराए गए अध्ययन का नतीजा यह है कि गरीब देशों में गोली, कॉयल और इम्प्लांट जैसी आधुनिक सुविधाओं का अभाव गर्भपात की बड़ी संख्या का कारण है. रिपोर्ट के अनुसार सख्त कानून बनाने से गर्भपात की दर को कम करने में सफलता नहीं मिलती. इसका असर यह होता है कि लोग असुरक्षित गर्भपात का सहारा लेते हैं. स्टडी के अनुसार 2010 से 2014 के बीच दुनिया भर में 5.6 करोड़ गर्भपात कराए गए.

अमेरिका की गुटमाखर इंस्टीट्यूट की गिल्डा सेज ने रिसर्च टीम का नेतृत्व किया. उनका कहना है, "विकसित देशों में परिवार नियोजन सेवाएं, परिवारों की कम बच्चों की बढ़ती इच्छा के साथ कदमताल करने विफल लगती है." 80 प्रतिशत से ज्यादा अनिच्छित गर्भधारण ऐसी महिलाओं में होता है जिन्हें जरूरी गर्भनिरोधक नहीं मिल पाता है. गिल्डा सेज का कहना है कि ज्यादातर अनिच्छित गर्भधारण का अंत गर्भपात में होता है.

एमजे/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)