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नई पारी, वही सिप्रास, वही यूरोपीय संघ

२१ सितम्बर २०१५

संसदीय चुनावों में अप्रत्याशित सफलता के बाद सीरिजा पार्टी के अलेक्सिस सिप्रास ग्रीस के नए प्रधानमंत्री होंगे. चुनाव में भागीदारी से दूर रहकर 45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपनी नाराजगी जताई है.

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Griechenland Referendum Symbolbild
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Messinis

महीनों तक कर्जदाताओं के साथ उलझे रहने के बाद सिप्रास ने नया कर्ज पाने के लिए संसद में जरूरी सुधार पास कराए और मध्य अगस्त में मध्यावधि चुनावों की घोषणा कर दी. सिप्रास द्वारा खेले गए इस दाव का उनके अलावा सीरिजा पार्टी को भी फायदा हुआ है. सिप्रास अपनी पार्टी के विद्रोही वामपंथियों से छुटकारा पाने में कामयाब रहे हैं तो सीरिजा को चुनावों में फिर से 35 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले हैं. प्रतिद्वंद्वी न्यू डेमोक्रेसी पार्टी को 28 प्रतिशत मत मिले.

सिप्रास इस बार भी अपने पुराने साथी इंडेपेंडेंट ग्रीक के साथ मिलकर नई सरकार बना रहे हैं जिसे दक्षिणपंथी माना जाता है. सिप्रास की पार्टी के बचत विरोधी और यूरो विरोधी धरे की उम्मीदें चकनाचूर हो गई हैं जो सिप्रास के इस्तीफे के बाद पार्टी छोड़कर चले गए थे और चुनाव लड़ने के लिए अपनी पार्टी बना ली थी. चुनावों में उन्हें सिर्फ 2.86 प्रतिशत मत मिले और वे संसद में पहुंचने की बाधा पार नहीं कर पाए.

इस साल बार बार हुए चुनावों के बाद इस चुनाव में मतदाताओं की सबसे कम भागीदारी रही. सिर्फ 56.5 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले. 300 सदस्यों वाली संसद में सिप्रास की पार्टी को कुल 145 सीटें मिली हैं. पार्टी को चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी होने पर मिलने वाले 50 सीटों का वोनस भी मिला है. सहयोगी पार्टी के साथ सिप्रास के पास संसद में 155 सीटों का बहुमत होगा.

एमजे/आईबी (एपी, डीपीए)