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नए कार्डिनल ने कहा समलैंगिकता है 'दोष'

२१ जनवरी २०१४

पोप फ्रांसिस के चुने हुए नए स्पेनी कार्डिनल ने समलैंगिकता को एक ऐसा 'दोष' बताया है जिसका इलाज किया जा सकता है. जाहिर है कि समलैंगिक अधिकारों के लिए काम करने वाले इस बात से बिल्कुल खुश नहीं हैं.

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तस्वीर: Reuters

नवनियुक्त कार्डिनल फर्नांडो सेबास्तियान का मानना है कि समलैंगिकता एक तरह की गड़बड़ी है जिसको इलाज से ठीक किया जा सकता है. 84 साल के फर्नांडो सेबास्तियान के इस बयान का समलैंगिकों के अधिकार के लिए काम करने वाले समूहों ने जोरदार विरोध किया है. सेबास्तियन ने मलागा के एक अखबार से कहा, "बहुत से लोगों को इससे शिकायत है और वे इसे सहन भी नहीं करते हैं. लेकिन मैं पूरे सम्मान के साथ यह कहता हूं कि समलैंगिकता कामुकता को दिखाने का एक दोषपूर्ण तरीका है, क्योंकि उसका एक स्वरूप है और उसका मकसद है प्रजनन."

स्पेन के सेबास्तियान उन 19 नए कार्डिनलों में से एक हैं जिन्हें पोप फ्रांसिस ने एक हफ्ते पहले ही चुना है. वह 22 फरवरी को आधिकारिक रूप से कार्डिनल का कार्यभार संभालेंगे. पेंप्लोना शहर के अवकाशप्राप्त आर्कबिशप सेबास्तियान ने कहा, "हमारे शरीर में कई तरह के दोष होते हैं. मुझे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है. क्या मैं नाराज हो जाऊंगा अगर कोई मुझे यह बताए? यह मेरा एक दोष है जो जहां तक संभव हो मैं ठीक करने की कोशिश करूंगा." इसी तर्ज पर सेबास्तियन आगे कहते हैं, "समलैंगिक लोगों को उनके दोष के बारे में ध्यान दिलाना कोई जुर्म नहीं है. बल्कि यह तो एक मदद है क्योंकि बहुत सारे मामलों में समलैंगिकता को समुचित इलाज करके ठीक किया जा सकता है. अगर किसी में कोई गड़बड़ी हो तो उसका एक अच्छा दोस्त ही उसके बारे में बताएगा."

समलैंगिकों के प्रति नरम रुख

पोप फ्रांसिस ने पिछली जुलाई में कहा था कि कि अगर कोई समलैंगिक है और वह अच्छी भावना के साथ ईश्वर की शरण में आना चाहता है तो वह इसे गलत नहीं ठहरा सकते. जब आर्कबिशप सेबास्तियान से यह पूछा गया कि क्या वह पोप के इन विचारों से सहमत हैं, तो उन्होंने कहा कि पोप हर व्यक्ति का सम्मान करते हैं लेकिन वह चर्च की शिक्षाओं को नहीं बदल रहे हैं.

आर्कबिशप सेबास्तियान को उनकी बड़ी उम्र की वजह से उस कॉनक्लेव में वोट देने का अधिकार नहीं होगा जो कैथोलिक गिरजे के प्रमुख का चुनाव करती है. आर्कबिशप कहते हैं, "किसी समलैंगिक व्यक्ति को स्वीकार करना और उसके प्रति लगाव रखना एक अलग बात है और समलैंगिकता को नैतिक रूप से न्यायोचित ठहराना अलग."

समलैंगिक लोगों के अधिकार के लिए काम करने वाले एक समूह कोलेगास ने मांग की है कि आर्कबिशप अपना बयान वापस लें. समूह ने अपने वक्तव्य में कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि फर्नांडो सेबास्तियान अपने शब्द सुधार लेंगे. हम बताना चाहेंगे कि समलैंगिकता को इलाज से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन होमोफोबिया का इलाज जरूर संभव है.

मलागा स्थित समलैंगिक लोगों के अधिकार के लिए काम करने वाले एक समूह के प्रमुख निकोलस फर्नांडिस आर्कबिशप सेबास्तियान के बयान की निंदा करते हुए कहते हैं, "यह कोई पहली बार नहीं हुआ है जब किसी कार्डिनल ने कहा हो कि हमारे ही अंदर कोई गड़बड़ी है." निकोलस ने ऐसा कानून बनाने की मांग की है जिससे लोगों का समलैंगिकों के लिए भेदभावपूर्ण रवैया बदले और घृणास्पद बयान देना बंद हो.

उधर वैटिकन में पोप के समर्थन और विरोध में आवाजें उठने लगी हैं. होंडुरास के कार्डिनल ऑस्कर रोड्रिगेज माराडियागा ने वैटिक के सैद्धांतिक निगरानी अधिकारी आर्कबिशप गेरहार्ड मुलर की तलाक के नियमों में ढील देने से मना करने के कारण खुले आम आलोचना की है. उन्होंने मुलर के बारे में कहा कि वे क्लासिक धर्मशास्त्र के प्रोफेसर हैं जो बहुत ज्यादा काले सफेद की सीमा में सोचते हैं. पोप की आलोचना करने वालों को उन्होंने यथार्थ को नहीं समझने वाले लोग बताया.

आरआर/एमजे (एएफपी)

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