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नक्सलियों पर बनी नई फिल्म रेड अलर्ट

८ जुलाई २०१०

बॉलीवुड की फिल्में बदल रही हैं. नया सिनेमा देश और समाज की हकीकत बयान कर रहा है. ऐसी ही एक फिल्म है रेड अलर्ट, जो इस हफ्ते रिलीज हो रही है.

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तस्वीर: AP

यूरोप या अमेरिका में किसी से पूछें कि बॉलीवुड के बारे में वे क्या जानते हैं, तो जवाब मिलेगा गाने, पेड़ों के इर्द गिर्द नाचते हीरो-हीरोइन और मेलोड्रामा से भरी हुई कहानियां. यह छवि बदलने में अभी वक्त लगेगा, लेकिन बॉलीवुड बदल रहा है. नया सिनेमा हकीकत के ज्यादा करीब है. उसकी कहानियां समाज और देश की बात कहने लगी हैं.

आनेवाले दिनों में ऐसी कुछ फिल्में रिलीज हो रही हैं. इनमें कश्मीर के हालात पर बनी फिल्म 'लम्हा' अहम है, जो इस महीने के आखिर में रिलीज होगी. इसके बाद अगस्त में एक फिल्म ‘पीपली लाइव' गांव और शहर के बीच बढ़ती खाई की बात करती है. इस हफ्ते रिलीज हो रही एक फिल्म भी इस सीरीज की एक अहम कड़ी हो सकती है. यह फिल्म इस वक्त देश की सबसे बड़ी समस्या यानी नक्सलवाद की बात करती है.

सुनील शेट्टी और समीरा रेड्डी की इस फिल्म का नाम है, रेड अलर्ट – द वॉर विदइन. शुक्रवार को रिलीज हो रही इस फिल्म को नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश की भाषा छत्तीसगढ़ी और तेलुगु के अलावा इंगलिश में भी डब किया गया है.

पिछला साल बॉलिवुड के लिए काफी खराब रहा था. ज्यादातर बड़ी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही थीं. ऐसा लगता है कि इस साल रिलीज हो रही फिल्में सफलता का नया फॉर्मूला तलाश रही हैं. बॉलीवुड के बाजार की समझ रखने वाले ट्रेड ऐनालिस्ट तरण आदर्श कहते हैं कि मसालेदार लव स्टोरी आज भी भारतीय दर्शकों को बेहद पसंद हैं, लेकिन वे लोग समकालीन मुद्दों पर बनी कहानियां भी पसंद कर रहे हैं. वह कहते हैं कि मुझे लगता है, हमारा सिनेमा असलियत के करीब आ रहा है. लोग अब ऐसी फिल्म देखना चाहते हैं जिनके किरदार उनसे मिलते जुलते हों या उनके बारे में उन्होंने अपने आसपास देखा सुना हो.

Bollywood Schauspieler Amir Khan
पीपली लाइव आमिर खान प्रोडक्शन की फिल्म हैतस्वीर: AP

‘रेड अलर्ट' के बारे में तरण कहते हैं कि यह बहुत दिलचस्प फिल्म है और आज के लिहाज से बहुत सटीक है. माओवादियों की खबरें आज हर अखबार के पहले पन्ने पर होती हैं. फिल्म में माओवादियों को जिस तरह दिखाया गया है, वह सच के काफी करीब है.

डाइरेक्टर अनंत महादेवन की यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है. महादेवन का दावा है कि उनकी फिल्म में माओवादियों और पुलिस के बीच जो बातचीत होती है, वह असल है. ‘रेड अलर्ट' कहानी है एक गांव के सीधे-सादे से इंसान नरसिम्हा की. नरसिम्हा को अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसा जुटाने की खातिर विद्रोह का हिस्सा बनने के लिए मजबूर किया जाता है. इस किरदार को सुनील शेट्टी ने निभाया है. फिल्म में समीरा रेड्डी ने एक ऐसी लड़की का किरदार निभाया है, जिसका पुलिस स्टेशन में गैंग रेप होता है और फिर उसे नक्सलवादी अपने साथ ले जाते हैं.

सरकार तक उम्मीद कर रही है कि यह फिल्म माओवाद के बारे में लोगों को जागरुक करेगी. अपने पूर्वी हिस्से में माओवादियों से जूझ रहे भारतीय राज्य महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर. आर. पाटिल कहते हैं कि उम्मीद है यह फिल्म लोगों में इस मुद्दे के बारे में समझ पैदा करेगी और गांव के लोगों को माओवादियों की मदद करने से रोकने में कामयाब रहेगी.

रिपोर्टः एएफपी/वी कुमार

संपादनः आभा एम