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नक्सलियों पर बरसेगी अत्याधुनिक राइफल

२ जनवरी २०११

भारत सरकार ने नक्सलियों को कुचलने के लिए अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल का फैसला किया है. नक्सलियों से लड़ने के लिए बनाई गई कोबरा फोर्स को इस्राएली सब मशीन गन दी जा रही है. इससे एक मिनट में 1,000 गोलियां चलेंगी.

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तस्वीर: AP

एंटी नक्सल यूनिट कोबरा को इस्राएल की टैवोर एक्स 95 सब मशीनगन दी जा रही है. इसे नई पीढ़ी की मशीन गन कहा जाता है. दुनिया के कई देशों की चुनिंदा कमांडो टुकड़ियां इसका इस्तेमाल करती हैं. सूत्रों के मुताबिक स्पेशल ट्रेनिंग कर चुके कोबरा जवानों को टैवोर एक्स 95 दे दी गई है.

इसके अलावा कोबरा फोर्स के जवानो को खुकरी भी दी जा रही है. खुकरी का इस्तेमाल अब तक सेना की गोरखा रेजीमेंट करती हैं. लेकिन नक्सली इलाकों में होने वाली आमने सामने की लड़ाई में भी इसका इस्तेमाल होगा. अधिकारियों के मुताबिक अगस्त 2008 में प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई एक सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग में अत्याधुनिक हथियारों से संबंधित फैसले किए गए थे.

नक्सलियों से अब तक सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस लड़ रही है. पुलिस जहां दशकों पुरानी बदूंकों से गोली भर भरके लड़ती हैं वहीं सीआरपीएफ के पास एके-47 और एलएमजी जैसे पुराने पड़ चुके हथियार हैं. यही वजह है कि नक्सलियों के खिलाफ छेड़े गए अभियान में सरकार को ज्यादा कामयाबी नहीं मिली. अब नई तैयारियां देखने से लग रहा है कि सरकार नक्सवाद के खिलाफ युद्ध की स्थिति में आ गई है.

कई सामाजिक संगठन आरोप लगाते हैं कि भारत सरकार उद्योगपतियों और कंपनियों के इशारों पर काम कर रही है. आदिवासियों के अति पिछड़े इलाकों में अपार खनिज संपदा हैं. कंपनियां इस संपदा को खोदकर इस्तेमाल करना चाहती हैं, लेकिन उसका स्थानीय आदिवासियों को क्या फायदा होगा, ठोस ढंग से कोई यह जवाब नहीं दे पा रहा है. इन इलाकों में नक्सलवाद चरम पर है. नक्सली कंपनियों और सरकार को इलाके में घुसने नहीं दे रहे हैं और अपना दायरा फैलाते जा रहे हैं.

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन