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नवाज को चीन से उम्मीद

४ जुलाई २०१३

पाकिस्तान की बुरी आर्थिक हालत और चरमराए घरेलू संरचना के बीच प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चीन की यात्रा कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी पहली विदेश यात्रा पाकिस्तान के लिए कुछ अच्छा संदेश लेकर आएगी.

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तस्वीर: Reuters

देश में महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है. एक अमेरिकी डॉलर सौ पाकिस्तानी रुपये के बराबर हो गया है, राष्ट्र के कई हिस्सों में 20-20 घंटे बिजली कट रही है. कारोबारी बैकग्राउंड वाले प्रधानमंत्री शरीफ इस बात से चिंतित हैं कि देश का कारोबार बैठ रहा है.

उन्होंने चुनाव के दौरान कहा था कि वह देश की आर्थिक हालत बेहतर करेंगे और बिजली मुहैया कराएंगे. समझा जाता है कि पाकिस्तान का सबसे बड़ा साझीदार और दोस्त चीन ही है और इसी वजह से शरीफ ने पहले वहीं जाने का फैसला किया.

आठ जुलाई तक की यात्रा के दौरान शरीफ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ ही वित्तीय और कारोबारी नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. वह बड़े औद्योगिक शहरों का भी दौरा करने वाले हैं. शरीफ शपथ लेने से पहले ही पाकिस्तान में ली का स्वागत कर चुके हैं.

जून में शरीफ ने चीन के नॉरिन्को कंपनी से कहा था कि वह पाकिस्तान में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाए, लौह अयस्क निकालने की संभावनाओं पर काम करे और साथ ही पाकिस्तान के बड़े शहरों में अंडरग्राउंड ट्रेनों की लाइनें बनाने की योजना शुरू करे. शरीफ का कहना था, "पाकिस्तान को अपनी परेशानियों से दूर आना होगा. हम एक दूसरे के साथ सहयोग करना चाहते हैं. ढांचागत सुधारों में और बिजली के क्षेत्र में."

चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग
चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांगतस्वीर: AFP/Getty Images

पाकिस्तान में चीनी निवेश काफी लोकप्रिय है. शरीफ खुद भी बड़े कारोबारी घराने से आते हैं और अपने पहले के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान वह सड़क परियोजना बनाने जैसी चीजों पर काम कर चुके हैं.

पाकिस्तान के अखबार द न्यूज ने लिखा है, "हमारी खराब होती आर्थिक व्यवस्था में कारोबारी गलियारा बहुत काम का साबित हो सकता है. इससे पाकिस्तान की भावी विदेश नीति भी तय हो सकती है." पाकिस्तान और चीन का कारोबार पिछले साल 12 अरब डॉलर का था और दो तीन साल में इसे 15 अरब करने का लक्ष्य है.

ली ने पाकिस्तान दौरे में कहा था कि उनका देश काराकोरम हाइवे पर काम तेज करने को तैयार है. चीनी सीमा से पाकिस्तान के लिए आर्थिक गलियारा तैयार करने में इस रास्ते की बड़ी भूमिका होगी.

चीन ने इस साल पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को खरीद लिया. काराकोरम राजमार्ग के विस्तार के साथ इसका इस्तेमाल अरब सागर और होरमुज जलडमरुमध्य तक पहुंच हो सकती है. चीन की मीडिया ने विदेश मंत्रालय के हवाले से रिपोर्ट दी है कि उनका देश शरीफ के दौरे को बेहद गंभीरता से ले रहा है और आर्थिक सहयोग के लिए उनका स्वागत करता है.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनइंग ने कहा, "मैं समझती हूं कि साझीदारी का प्रोजेक्ट दोनों देशों के लिए अच्छा होगा. यह पूरे इलाके के विकास के लिए कारगर होगा."

हालांकि चीन को सुरक्षा का मामला भी देखना होगा. ग्वादर की ओर जाने वाला रास्ता बलूचिस्तान से होकर गुजरता है, जहां अलगाववादियों और तालिबान का प्रभुत्व है. पिछले महीने तालिबान ने नंगा पर्वत के पास विदेशी पर्वतारोहियों के दल पर हमला किया था और उसमें 10 लोग मारे गए थे.

पाकिस्तान के राजनीतिक समीक्षक हसन अकसरी का कहना है कि चीन निश्चित रुप से पाकिस्तान पर इस बात का दबाव डाल सकता है कि वह आतंकवाद से निपटने में और कड़ी भूमिका निभाए.

एजेए/एनआर (एएफपी)

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