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नशे के थ्री-डी इफेक्ट की चर्चा

ऋतिका राय१५ दिसम्बर २०१४

रेडियो पर 'मन की बात' में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नशे के कारोबार पर जम कर बोले. तमाम नसीहतें और जीवन के अनुभवों को देशवासियों से साझा करते हुए मोदी ने नशे की जो थ्री-डी बुराइयां गिनाईं, उनकी सोशल मीडिया पर चर्चा रही.

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Drogenmissbrauch in Indien
तस्वीर: AP

पहला डी यानि डार्कनेस, नशे से जीवन में अंधेरा फैलाता है. दूसरा डी यानि डिस्ट्रक्शन, नशा बर्बादी के मोड़ पर खड़ा कर देता है. और तीसरा डी यानि डिवास्टेशन, नशे से तबाही के अलावा कुछ नहीं मिलता.

अपने पहले रेडियो संदेश में जब मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की नींव रखी थी तब से अब तक समाज के कई हलकों में उस संदेश की गूंज सुनाई देती रही है. हाल ही में अहमदाबाद में हुए एक सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 31 नवविवाहित जोड़ों को झाड़ू हाथ में लेकर अपने घर को साफ रखने की शपथ दिलवाई गई थी.

कुछ लोग मोदी के इन अभियानों को देश की बड़ी समस्याओं से भटकाने का पैंतरा मान रहे हैं. ऐसी आलोचनाओं की भी ट्विटर जैसी नेटवर्किंग साइट्स पर कोई कमी नहीं.

काला धन वापस लाने और देश में भ्रष्टाचार को कम करने के वादों पर अमल करने की याद दिलाते हुए कई लोग इस मामले में कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.