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नैनो तकनीक से परिवार नियोजन

१० दिसम्बर २०१२

नैनो फेब्रिक की एक पतली सी परत अब गर्भनिरोधक का काम करेगी. सिएटल में वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक खास तकनीक का विकास किया है जिससे एड्स से भी बचने में मदद मिल सकेगी.

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तस्वीर: picture alliance / CTK

यह एक बहुत ही पतला सा टुकड़ा है जो अपने आप शरीर में घुल जाएगा. पांच सेंटीमीटर लंबे और चौड़े इस नैनोफैब्रिक को उंगली के जरिए महिलाओं के जननांग में डाला जा सकता है. यह पदार्थ ऐसा है कि वह एक ही जगह पर टिका रहेगा और शरीर में घुलने के बाद जेल जैसा बन जाएगा. शोधकर्ताओं का कहना है कि महिलाएं इसका इस्तेमाल बाकी गर्भनिरोधक तकनीकों जैसे डायफ्राम और वैजिनल रिंग्स के साथ कर सकेंगी.

पहली बार नैनो तकनीक का इस्तेमाल गर्भनिरोधक तरीकों में किया जा रहा है. वॉशिंगटन विश्वविद्यालय की शोधकर्ता किम वुडरो कहती हैं, "हम एक ऐसा पदार्थ बनाना चाहते थे जिससे महिलाएं एचआईवी और गर्भधारण से बच सकें." लेकिन अभी भी इस तकनीक पर शोध पूरा नहीं हुआ है. हैम्बर्ग में आमेदेस ग्रुप के मिषाएल लुडविग कहते हैं कि इस तरीके का किस हद तक इस्तेमाल किया जा सकेगा, यह अभी देखना बाकी है. यह तरीका आसान तो है लेकिन जब लोग यौन संबंधों बनाते हैं तो कहा नहीं जा सकता कि वह किस स्थिति में किस हद तक सुरक्षा का इस्तेमाल करेंगे. इसलिए स्पर्म को खत्म करने वाली क्रीम जैसे तरीके बहुत प्रचलित नहीं हैं. गर्भनिरोधक पैच को भी लोग अपनी त्वचा पर लगाने से हिचकिचाते हैं क्योंकि इन्हें बाहर से देखा जा सकता है. इसलिए लुडविग का कहना है कि नैनोफाइबर तकनीक किस हद तक सफल होगा, वह उसके इस्तेमाल में आसानी पर निर्भर करता है.

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तस्वीर: Fotolia/Sergejs Rahunoks

लुडविग कहते हैं सिर्फ परिवार नियोजन ही नहीं इससे एड्स जैसी बीमारी से भी बचा जा सकता है. जहां तक यौन क्रिया के दौरान इन्फेक्शन फैलने वाली बात है, उसके लिए अब भी कोई उम्दा तकनीक नहीं है. लुडविग के मुताबिक ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जो कैंसर के लिए जिम्मेदार है, क्लैमिडिया और गोनोरिया जैसी बीमारियों से कॉन्डोम तो बचा जा सकता है लेकिन परिवार नियोजन या गर्भ रोकने में यह उतना सफल नहीं है.

जर्मनी में एक सर्वे के मुताबिक 18 और 49 साल की उम्र के बीच के लोग गर्भवती होने से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां खाते हैं और केवल एक तिहाई लोग कॉन्डोम का इस्तेमाल करते हैं. 18 और 25 की उम्र में लड़कियां गोलियों और कॉन्डोम के जरिए गर्भवती होने से बचती हैं. उम्र बढ़ने के साथ महिलाएं एक ही गर्भनिरोधक तकनीक का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं.

रिपोर्टः ब्रिगिटे ओस्टेराथ/एमजी

संपादनः आभा मोंढे

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