न्याय में देरी दूर करने के लिए जल्द किए जाएंगे उपाय
११ जुलाई २०१०भारत में आमतौर पर की मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में 15 साल लग जाते हैं. सरकार इसे घटाकर तीन साल करना चाहती है. इसके लिए जल्द ही एक कानूनी नियामक संस्था बनाई जाएगी. ये संस्था न्यायपालिका की आजादी में दखल दिए बगैर उसके कामकाज में मदद करेगी. कानून मंत्री ने बताया कि न्यायिक सुधारों के पहले दौर में सरकार ने नेशनल लॉ स्कूल बनवाए हैं और अब इससे आगे बढ़ने का वक्त आ गया है.
मोइली ने कहा कि न्यायपालिका को बेहतर बनाने के लिए कानून की पढ़ाई में भी सुधार के कदम उठाए गए हैं. सरकार इन सुधारों के जरिए भारत में दुनिया भर के निवेशकों को अंतरराष्ट्रीय अदालतों के गठन के लिए पैसा लगाने के लिए तैयार करने की कोशिश में है. इन अदालतों में साल भर के भीतर मुकदमों का निपटारा किया जा सकेगा. सरकार जल्द ही कमर्शियल कोर्ट बिल को भी कानून के रूप में लागू कर देगी. इस कानून के लागू हो जाने के बाद मध्यस्थ के जरिए मुकदमों का आसानी से निपटारा किया जा सकेगा. लोकसभा पहले ही इस बिल को पारित कर चुकी है अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
मोइली ने पत्रकारों को बताया कि भारत में 10 लाख से ज्यादा वकील हैं. जरूरत बस इतनी है कि कानून के स्कूलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया. सरकार हरेक राज्य में एक लॉ स्कूल खोलने की तैयारी में है. मोइली इन दिनों लंदन में हैं वो यहां ब्रिटेन के कानून मंत्री जास्टिस केनेथ क्लार्क के निमंत्रण पर आए हैं. इस दौरान वो ब्रिटेन के अटॉर्नी जनरल से भी मुलाकात करेंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन
संपादनः आभा एम