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पढ़े लिखे होते तो कत्ल कम होते

१५ नवम्बर २०१०

अपराध का संबंध सामाजिक स्थिति से होता है, यह बात आम तौर पर मानी जाती है. अब जर्मनी में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि सिर्फ सामाजिक या आर्थिक स्थिति नहीं, बल्कि शिक्षा और अपराध के बीच भी सीधा संबंध है.

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तस्वीर: bilderbox

जर्मनी के बैर्टेल्समान प्रतिष्ठान की ओर से सूचित किया गया है कि फ्रैंकफर्ट के दो शोधकर्ताओं की खोज के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरी के जरिये जर्मनी में अपराध के आंकड़ों में उल्लेखनीय सुधार संभव हैं. होर्स्ट एंटोर्फ और फिलिप जीगर के इस अनुसंधान से पता चला है कि जर्मनी में शिक्षा के स्तर और अपराध के आंकड़ों के बीच सीधा संबंध है.

प्रतिष्ठान की एक प्रवक्ता ने कहा कि इस खोज से पता चला है कि दस साल की स्कूली शिक्षा पूरी न करने वालों की संख्या में अगर आधी कमी लाई जा सके, फिर अपराध के आंकड़ों में उल्लेखनीय कमी देखी जा सकेगी. इस अध्ययन के अनुसार पिछले साल के आंकड़ों से अगर तुलना की जाए, तो उस हालत में हत्या के 420 मामले, डकैती के साढ़े तेरह हजार मामले और चोरी के तीन लाख 20 हजार मामले कम होते.

इन शोधकर्ताओं ने अलग अलग अपराधों के सिलसिले में सारे देश में अपराधों की दर दर्ज की थी. इसके बाद अलग अलग क्षेत्र में शिक्षा के स्तर के साथ इन आंकड़ों की तुलना की गई. साथ ही इन आंकड़ों का भी ख्याल रखा गया कि अलग अलग क्षेत्र में कितने अपराधियों को सजा दी गई है. इसके अलावा सारे जर्मनी में 1700 कैदियों के बीच एक सर्वेक्षण का भी आयोजन किया गया था. इससे पता चला है कि हत्या, डकैती और चोरी के मामलों के साथ शिक्षा का प्रत्यक्ष संबंध है. इसके विपरीत बलात्कार और मारपीट के मामले में कोई सीधा संबंध नहीं देखने को मिला.

प्रतिष्ठान के वक्तव्य में कहा गया है कि शिक्षा के स्तर में सुधार के जरिये पीड़ितों की काफी हद तक मदद की जा सकती थी. साथ ही इन अपराधों में कमी से हर साल एक अरब 42 करोड़ यूरो की बचत हो सकती थी. सबसे अधिक लाभ प्रदेश का दर्जा प्राप्त तीन शहरों, बर्लिन, हैमबर्ग और ब्रेमेन को होता, जहां अपराध की दर सारे देश में सबसे अधिक है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: वी कुमार

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