पवार को महाराष्ट्र से ज्यादा क्रिकेट से प्यार: ठाकरे
९ जुलाई २०१०शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे अपने संपादकीय में ठाकरे ने लिखा है कि यूपीए सरकार में शामिल महाराष्ट्र के किसी भी मंत्री ने महाराष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद पर ठाकरे ने मंत्रियों को सलाह देते हुए कहा, "कम से कम इस्तीफा देने की धमकी तो दे दो. अपनी जेब में इस्तीफा तैयार रखो. दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद जलती हुई आग की तरह जो 50-55 साल से केंद्र में कांग्रेस सरकारों की वजह से सुलट नहीं पाया."
बाल ठाकरे ने शरद पवार को भी नहीं बख्शा. "शरद पवार के लिए महाराष्ट्र से ज्यादा क्रिकेट प्यारा है. मुरली देवड़ा अंबानी और तेल कंपनियों के नजदीकी हैं. प्रफुल्ल पटेल अमीर पूंजीवादियों के खास हैं." महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा विवाद पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के बयान को बाल ठाकरे ने मूर्खतापूर्ण करार दिया. चव्हाण ने कहा है कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए इच्छाशक्ति है.
कर्नाटक के गुलबर्ग और बेलगाम जिले में मराठी भाषा बोली जाती है और मराष्ट्र छह सालों से उन इलाकों पर अपना दावा ठोंकता रहा है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि सिर्फ मराठी बोले जाने की वजह से उन इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल नहीं किया जा सकता. केंद्र सरकार के इस रुख की वजह से बाल ठाकरे भन्ना गए हैं और उन्होंने अपना रोष अपने लेख में जताया है.
वैसे महाराष्ट्र कर्नाटक के बीच विवाद पर राज ठाकरे भी कूद पड़े हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार हमेशा महाराष्ट्र विरोधी रही है. माटुंगा में एक समारोह में राज ठाकरे ने कहा कि आखिरी क्यों महाराष्ट्र से सांसद इस मुद्दे पर एक साथ नहीं आते. ठाकरे के मुताबिक महाराष्ट्र को हमेशा कई मुद्दों पर लड़ाई करनी पड़ती है. चाहे जल विवाद हो या सीमा विवाद.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ओ सिंह